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0 सरकारी दफ्तरों में कामकाज ठप, कई कार्यालय खाली नजर आया

रायपुर। भत्ते की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी सोमवार से हड़ताल पर चले गए। 25 जुलाई से शुरू हुई हड़ताल 29 जुलाई तक चलेगी। इससे सरकारी दफ्तरों में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया। कई कार्यालय पूरी तरह खाली नजर आया। वहीं मंत्रालय के बाहर कर्मचारियों द्वारा नारेबाजी की गई। प्रदेश भर के करीब 5 लाख से अधिक कर्मचारी महंगाई भत्ता और भाड़ा भत्ता की मांग के लिए यह आंदोलन कर रहे हैं।

सावन के दूसरे सोमवार को शुरू हुए इस आंदोलन की वजह से प्रदेश के शिक्षकों ने शिवलिंग पर जल चढ़ा कर अपने-अपने शहरों में आंदोलन किया । कोई भी शिक्षक स्कूल नहीं पहुंचा बहुत सी जगहों पर शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारी को सामूहिक अवकाश लेने का आवेदन भेज दिया। शिक्षक संघ से जुड़े नेताओं ने अपने साथियों के साथ आंदोलन शुरू कर दिया है।

नवा रायपुर स्थित मंत्रालय के बाहर भी कर्मचारी अपने दफ्तरों में नहीं पहुंचे गेट के पास खड़े होकर नारेबाजी करते रहे। कर्मचारी संगठन के नेताओं ने सभी कर्मचारियों से काम ना करने की अपील की है। सभी कर्मचारियों ने इसे समर्थन देते हुए मंत्रालय में काम नहीं किया। महंगाई भत्ता देना होगा जैसे नारे कर्मचारी लगाते रहे। रायपुर के धरना स्थल में भी कर्मचारी प्रदर्शन करने पहुंचे हैं।

शिक्षक कर रहे अनिश्चितकालीन हड़ताल की अपील
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने पिछले दिनों बैठक में तय किया था कि हड़ताल 25 जुलाई से 29 जुलाई तक चलेगी। हालांकि कुछ शिक्षक संगठन इस हड़ताल को अनिश्चितकालीन चलाने की अपील कर रहे हैं। माना जा रहा है कि प्रदेश के बहुत से जिलों में शिक्षक 29 तारीख के बाद भी काम पर नहीं लौटेंगे।

इस वजह से आंदोलन
प्रदेश के कर्मचारी नेताओं का कहना है कि राज्य के सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के तहत ना तो महंगाई भत्ता मिल रहा है और ना ही भाड़ा भत्ता। ऐसे में हर महीने 4 से 14000 का नुकसान हर कर्मचारी को हो रहा है। लंबे समय से इसे लागू किए जाने की मांग की जा रही थी प्रशासन के उदासीन रवैये की वजह से अब कर्मचारी हड़ताल के लिए विवश हुए हैं।

कवर्धा के दफ्तर में चिपका दिया सब हड़ताल पर हैं
यह हड़ताल पूरे प्रदेश में चल रही है, कवर्धा जिले में भी कर्मचारियों ने दफ्तर में कोई कामकाज नहीं किया। तहसील दफ्तर भी बंद रहा। सुबह से ही दफ्तर में सन्नाटा पसरा रहा। कवर्धा में भी कर्मचारियों ने तंबू लगाकर धरना देना शुरू कर दिया । दफ्तर की अलग-अलग शाखाओं में एक कागज चिपका दिया, जिस पर लिखा था सभी अधिकारी कर्मचारी हड़ताल पर हैं।

मंत्रालय के बाहर नारेबाजी करते कर्मचारी नेता।

विभाग में चस्पा पर्ची आंदोलन का नोटिस बनी।