
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पी. दयानंद ने आज संक्षिप्त मतदाता पुनर्निरीक्षण तथा भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली द्वारा विधि एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार के परामर्श से किए गए विभिन्न नियमों में संशोधनों के संबंध में प्रेसवार्ता कर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इस मौके पर अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी भी मौजूद थी।
संबंधित जानकारी निम्नलिखित हैं -
(1) भारत निर्वाचन आयोग, नई-दिल्ली द्वारा निर्वाचन विधि एवं नियमों में संशोधन किये गये है, जिसकी अधिसूचना भारत के राजपत्र में दिनांक 17 जून, 2022 एवं 18 जून, 2022 को प्रकाशित की गई है। (2) इसके साथ ही आयोग द्वारा वार्षिक विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अर्हता तिथि 01/01/2023 हेतु भी विस्तृत कार्यक्रम एवं निर्देश दिनांक 25 जुलाई 2022 को जारी किये गये हैं। (3) आयोग द्वारा मतदाता फोटो पहचान पत्र (एपिक कार्ड) को नये सुरक्षा मानकों के साथ जारी करने का निर्देश दिया गया है तथा 01 अगस्त, 2022 से इसका वितरण स्पीड पोस्ट के माध्यम से मतदाताओं के पते पर प्रेषित किया जाना है । उपरोक्त तीनों विषयों के संबंध में आज की बैठक आहूत की गई है।
(प) आयोग द्वारा किये गये प्रमुख संशोधन इस प्रकार हैं-
1. पंजीकृत मतदाताओं के आधार संख्या संकलन हेतु प्रावधान जोड़ा गया है-मतदाता सूची में प्रविष्टियों को प्रमाणित करने और त्रुटिरहित बनाने के लिए पंजीकृत शत-प्रतिशत मतदाताओं से संपर्क कर, आधार संख्या आयोग के संभावित लक्ष्य दिनांक 01 अप्रैल, 2023 के पूर्व एकत्रित किया जाना है । इस हेतु नवीन फार्म 6-ख अधिसूचित किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य मतदाताओं की पहचान स्थापित करना और एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में एक ही व्यक्ति के नाम के पंजीकरण अथवा एक से अधिक बार
उसी निर्वाचन क्षेत्र में पंजीकरण की पहचान करना है ताकि भविष्य में मतदाताओं को बेहतर चुनावी सेवायें उपलब्ध कराईं जा सकें।
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार आधार एकत्रीकरण का कार्य 01 अगस्त 2022 से ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यम से प्रारम्भ किया जाएगा। मतदाताओं द्वारा आधार संख्या दिया जाना स्वैच्छिक है, आधार संख्या उपलब्ध नहीं कराने पर निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा किसी भी परिस्थिति में मतदाता सूची में दर्ज प्रविष्टि को नही हटाया जाएगा । फॉर्म 6ख में मतदाताओं के आधार प्राप्त करने के लिए प्रदेश के सभी मतदान केन्द्रों पर माह सितम्बर से प्रत्येक माह एक दिन विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे।
2. नागरिकों के मतदाता सूची में पंजीकरण हेतु निर्धारित प्रपत्रों में संशोधन किये गये हेै-मतदाताओं के पंजीकरण के लिए भरे जाने वाले प्रपत्रों को सुविधाजनक बनाया गया है। निर्वाचक पंजीकरण (संशोधन) नियम-2022 के तहत् प्रपत्र 1, 2, 2क , 3, 6, 7, 8, 11, 11क, 18 एवं 19 में संशोधन किये गए हैं। प्रपत्र-001 में प्रतिस्थापन मतदाता फोटो परिचय पत्र (एपिक) जारी करने के लिए आवेदन को समाप्त कर प्रपत्र-8 में इसका प्रावधान किया गया है। एक ही विधानसभा क्षेत्र के भीतर निवास स्थानांतरण के मामलों के लिए प्रपत्र-8क को समाप्त कर, प्रपत्र-8 में ही इसके लिए प्रावधान किया गया है। आधार संकलन हेतु नया प्रपत्र-6ख जोड़ा गया है ।
संशोधित प्रपत्र-6 अब केवल नए मतदाताओं के पंजीकरण के लिए कर दिया गया है तथा इसमें एक निर्वाचन क्षेत्र से दूसरे निर्वाचन क्षेत्र में स्थानांतरण के लिए आवेदन के प्रावधान को हटाकर संशोधित प्रपत्र 8 में शामिल किया गया है। अनाथ व्यक्ति के प्रकरणों में कानूनी अभिभावक का विवरण अब रिश्तेदारों के विवरण के अंतर्गत दिए जा सकने का संशोधन भी इस प्रपत्र में किया गया है। जन्म और निवास के प्रमाण के लिए दस्तावेज निर्धारित किए गए हैं ताकि प्रपत्रों का त्वरित निराकरण हो सके। प्रवासी मतदाता के पंजीकरण के लिए आयोग द्वारा निर्धारित फॉर्म 6क में कोई संशोधन नहीं किया गया है।
प्रपत्र-7 में मतदाता सूची में नाम हटाने के लिए मृत्यु प्रमाण-पत्र संलग्न करने का प्रावधान किया गया है। आयोग के नवीनतम निर्देशों के अनुसार संशोधित फॉर्म 8 में मतदाता के निवास स्थानातरण, वर्तमान निर्वाचक नामावलियों की प्रविष्टियों में सुधार, प्रतिस्थापन एपिक एवं मतदाताओं का दिव्यांगजन के रूप में चिन्हाकन का प्रावधान किया गया है।
आपत्तियों की सूची में सुधार करने के लिए मौजूदा फार्म 11 तथा 11क के साथ ही एक नया फार्म 11ख प्रस्तावित किया गया है, जिसमें फार्म 8 में प्राप्त एक निर्वाचन क्षेत्र से दूसरे निर्वाचन क्षेत्र में स्थानांतरण कराने के लिए प्राप्त आवेदनों की सूची तैयार की जाएगी। इसी प्रकार से फॉर्म 7, 11, 11क, और 11 ख को छोड़कर शेष सभी मतदाता प्रपत्रों में मतदाताओं के आधार विवरण प्राप्त करने का प्रावधान किया गया है।
3. मतदाताओं के पंजीकरण हेतु 04 अहर्ता तिथियां निर्धारित की गई है-नए संशोधन के उपरांत अब निर्वाचक नामावली में नाम जुड़वाने के लिए अहर्ता तिथि 01 जनवरी के स्थान पर प्रत्येक वर्ष में 4 बार 01 जनवरी, 01 अप्रैल, 01 जुलाई तथा 01 अक्टूबर निर्धारित की गई है । निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों के द्वारा प्रपत्र-5 में प्ररूप प्रकाशन की सूचना जारी कर प्रत्येक वर्ष की 4 अहर्ता तिथियों के संदर्भ मंे दावा/आपत्ति आमंत्रित की जावेगी एवं ऐसे आवेदक/व्यक्ति/नागरिक जो 01 जनवरी के साथ-साथ इसके पश्चात् की अहर्ता तिथियों अर्थात् 01 अप्रैल, 01 जुलाई, 01 अक्टूबर के संदर्भ में पंजीकरण के लिये भी पात्र हो रहे है, वे भी अपने आवेदन प्ररूप-6 में अग्रिम रूप से जमा कर सकेगें । अन्य शब्दों में वार्षिक संक्षिप्त पुनरीक्षण की प्रक्रिया के दौरान उपरोक्त 4 अहर्ता तिथियों के संदर्भ में पात्र होने वाले आवेदक/व्यक्ति/नागरिकों को निर्वाचक नामावली के प्ररूप प्रकाशन की तिथि से शुरू होने वाले वार्षिक संक्षिप्त पुनरीक्षण के दौरान पंजीकरण के लिये अपना अग्रिम आवेदन जमा किये जाने की सुविधा प्रदान की गई है। 01 जनवरी के पश्चात् की अहर्ता तिथियों के संबंध में प्राप्त होने वाले आवेदन डिजीटाईज करके रखे जावेगें तथा इनका निराकरण निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा संबंधित अहर्ता तिथि के माह में किया जावेगा । अग्रिम आवेदन न कर सकने वाले युवा नागरिक मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के पश्चात् भी संबंधित तिमाही में सतत् अद्यतनीकरण के दौरान आवेदन कर सकेगें ।
4. अन्य संशोधन-आयोग द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 में संशोधन कर मतदान केन्द्रांे, मतगणना के लिये, मतपत्र भण्डारण, मतदान सामग्री, सुरक्षा बलों और मतदान कार्मिकों के आवास हेतु परिसर की आवश्यकता को देखते हुये इनके अधिग्रहण का प्रावधान तथा सेवा एवं विशेष निर्वाचकों हेतु ळमदकमत छमनजतंस का प्रावधान करते हुये निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम-1961 में संशोधन कर ‘‘पत्नी’’ शब्द के लिये ‘पति या पत्नी’’ प्रतिस्थापित किया गया है।
संशोधित सभी प्रपत्र एवं नियम दिनांक 01 अगस्त 2022 से प्रभावशील होंगे। 01 अगस्त 2022 से ईआरओ नेट और इससे जुड़ी आईटी एप्लीकेशन नेशनल वोटर्स सर्विस पोर्टल (एनवीएसपी पोर्टल), वोटर हैल्पलाइन एप एवं गरुड़ एप में नये आवेदन प्रपत्र और प्रक्रिया उपलब्ध होगी। आगामी वार्षिक संक्षिप्त पुनरीक्षण के दौरान इन संशोधनों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर आम नागरिकों को इससे अवगत कराया जावेगा ।
विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अर्हता तिथि 01/01/2023- प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली के पुनरीक्षण हेतु आयोग द्वारा विस्तृत कार्यक्रम एवं निर्देश जारी कर दिया गया है। पुनरीक्षण के दौरान एवं पूर्व की गतिविधियों के संबंध में कार्यक्रम इस प्रकार है-
इस वर्ष के कार्यक्रम में आयोग द्वारा अर्हता तिथि 01/01/2023 के साथ साथ 01 अप्रैल, 01 जुलाई एवं 01 अक्टूबर 2023 की तिथि में पात्रता रखने वाले युवा नागरिकों कोे भी अपना नाम मतदाता सूची में जोडे जाने हेतु अग्रिम आवेदन की सुविधा प्रदान की गई है। ऐसे आवेदक प्रारंभिक प्रकाशन की तिथि अर्थात् 09/11/2022 से 08/12/2022 तक अपना आवेदन कर सकेंगे। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा केवल 01 जनवरी 2023 की अर्हता से संबंधित दावा-आपत्ति का निराकरण किया जा कर मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 05 जनवरी 2023 को किया जावेगा। अंतिम प्रकाशन के पश्चात् भी बाद की अर्हता तिथि में पात्रता रखने वाले व्यक्तियों के द्वारा आवेदन किया जा सकेगा। अर्हता तिथि 01.01.2023 के पश्चात् की अहर्ता तिथियों ( 01 अप्रैल, 01 जुलाई एवं 01 अक्टूबर) के संबंध में निर्वाचक नामावलियों के पुनरीक्षण के दौरान एवं उसके पश्चात् प्राप्त सभी आवेदनों का निराकरण संबंधित तिमाही के प्रथम माह को निर्धारित प्रक्रिया द्वारा निराकृत किया जाएगा ।
पुनरीक्षण में इस बार आयोग द्वारा किये गये संशोधन अनुसार नए प्रपत्रों में आवेदन प्राप्त किये जावेगें । यह ध्यान रहे कि एक निर्वाचन क्षेत्र से दूसरे निर्वाचन क्षेत्र में स्थानातंरण हेतु आवेदन प्ररूप-6 के स्थान पर प्रपत्र-8 में प्राप्त किये जावेगें एवं इसी दौरान पंजीकृत मतदाताओं से आधार संख्या संकलन प्ररूप-6ख में किया जावेगा ।
निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों के द्वारा प्रत्येक सप्ताह प्राप्त दावा/आपत्तियों की सूची से राजनैतिक दलों को अवगत कराया जावेगा । साथ ही यह सूची कार्यालय के सूचना पटल एवं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के वेबसाईट पर भी प्रदर्शित की जावेगी । सभी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों को प्रारंभिक प्रकाशन एवं अंतिम प्रकाशन की मतदाता सूची निःशुल्क उपलब्ध कराई जायेगी । सभी राजनैतिक दलों से अपील की जाती है कि वे इस विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण में सभी मतदान केन्द्रों के लिये बूथ लेबल एजेंट नियुक्त कर मतदाता सूची की विसंगतियों को दूर करने हेतु आवश्यक सहयोग प्रदान करने का कष्ट करें ।