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0  छत्तीसगढ़ गौ-सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने हर कलेक्ट्रेट में छत्तीसगढ़ महतारी की भी प्रतिमा लगाने सीएम से किया आग्रह

रायपुर। भगवान राम की माता कौशल्या की जन्म स्थली के रूप में प्रचलित छत्तीसगढ़ के चंदखुरी गांव का नाम बदलने की कवायद शुरू हुई है। छत्तीसगढ़ गौ-सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने मुख्यमंत्री से मिलकर इसकी मांग उठाई है। उन्होंने गांव का नाम बदलकर माता कौशल्या धाम चंदखुरी करने का आग्रह किया है।

महंत रामसुंदर दास ने प्रदेश के प्रत्येक कलेक्ट्रेट परिसर में छत्तीसगढ़ महतारी की आदमकद प्रतिमा लगाने का भी आग्रह किया है। महंत रामसुंदर दास के साथ मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने बताया, चंदखुरी गांव माता कौशल्या की जन्मस्थली है। यहां माता कौशल्या का एकमात्र मंदिर स्थित है। यह हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है। अभी उस गांव को केवल चंदखुरी के नाम से जाना जाता है। हमारा आग्रह है कि उसको माता कौशल्या के धाम के तौर पर पहचाना जाए। मुख्यमंत्री से मिलकर आग्रह पत्र सौंपा गया है। आर.पी. सिंह ने बताया, बातचीत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस काम के लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी है। ऐसा हुआ तो राजस्व अभिलेखों सहित हर जगह माता कौशल्या का नाम शामिल हो जाएगा।
 
महंत रामसुंदर दास ने कहा कि अरपा पैरी की धार को राज्यगीत के तौर पर मान्यता देकर सरकार ने छत्तीसगढ़ की यशकीर्ति को जन-जन तक पहुंचा दिया गया है। वहीं सभी सरकारी आयोजनों और कार्यालयाें छत्तीसगढ़ महतारी के चित्र लगाने का आदेश भी बेहतर है। अब सभी कलेक्ट्रेट में छत्तीसगढ़ महतारी की आदमकद प्रतिमा लगाई जाए ताकि लोगों को प्रदेश की संस्कृति पर गौरव बोध हो।