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0 सुबह देखते ही बेहद सुरक्षित घर पर दागी दो मिसाइलें
0 6 महीने से खोज रही थीं अमेरिकी एजेंसियां

काबुल। अलकायदा का सरगना अयमान अल जवाहिरी अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया। एक अमेरिकी अधिकारी ने खुलासा किया कि जैसे वह बालकनी में टहलने के लिए निकला उस पर रीपर ड्रोन से दो R9X हेलफायर मिसाइलें दागी गईं।

हमला अफगानिस्तान के समयानुसार, रविवार सुबह 6 बजकर 18 मिनट पर किया गया। उधर, अमेरिका में शनिवार की रात के 9 बजकर 48 मिनट का समय था। अमेरिकी अफसर ने बताया कि अमेरिकी एजेंसियां काबुल में उसका पिछले 6 महीने से लगातार पीछा कर रही थीं। इस कार्रवाई पर अमेरिका ने कहा कि 9/11 हमले का बदला ले लिया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन बोले- इंसाफ हो गया।

हालांकि, जवाहिरी के ठिकाने पर धमाके के कोई निशान नहीं दिख रहे हैं, न ही कोई और कैजुअल्टी हुई। दरअसल, हेलफायर मिसाइल में विस्फोटक के बजाय 6 रेजर जैसे ब्लेड लगी होती हैं जो टारगेट के टुकड़े-टुकड़े कर देती हैं।

घर में अपने परिवार के साथ रहता था
अमेरिकी अफसर के मुताबिक, जवाहिरी सेफ हाउस में अपने परिवार के साथ रहता था। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इस हमले में परिवार को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। अमेरिका ने इस हमले के बारे में तालिबान को कोई जानकारी नहीं दी थी। अमेरिकी हमले के बाद तालिबान सरकार भड़क कई है और उसने अमेरिका को चेतावनी दी है। तालिबान के प्रवक्‍ता जबीउल्‍लाह ने कहा कि 31 जुलाई को काबुल शहर के शिरपुर इलाके में एक हवाई हमले को अंजाम दिया गया। इस हमले की प्रकृति के बारे में पहले पता नहीं चला, लेकिन सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने मामले की जांच की। शुरुआती जांच में पता चला है कि इसे अमेरिका के ड्रोन ने अंजाम दिया था।
 

पत्नी-बेटी को ट्रैक कर रही थी अमेरिकी एजेंसी, जवाहिरी मिल गया
इस साल जनवरी में अमेरिकी खुफिया सूत्रों को पता चला कि अल-जवाहरी की पत्नी, बेटी और पोते काबुल में एक घर में शिफ्ट हुए हैं। अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक, हमने उन पर नजर रखी। वैसे जवाहिरी का परिवार वो सारे ऐहतियात बरत रहा था, जिससे कोई उनका पीछा न कर सके, लेकिन सुराग मिल चुके थे। अब यह भरोसा हो चुका था कि अल-जवाहिरी भी घर पर हो सकता है। अधिकारी के मुताबिक, ओसामा बिन लादेन की तरह ही जवाहिरी की लाइफ के पैटर्न को समझने के लिए अलग-अलग सोर्स और तरीकों का इस्तेमाल किया गया, जिससे कंफर्म हो गया कि वो उस घर में मौजूद है। इससे एक और बात पता चली कि वो बालकनी में वक्त बिताता है। हमले के लिए इसी समय को चुना गया। वैसे पिछले 12 महीने से अमेरिकी एजेंसियां जवाहिरी का पीछा कर रही थीं। ​​​

जवाहिरी का यह ठिकाना शेरपुर में था
यह ठिकाना मध्य काबुल के शेरपुर इलाके में है। यह पूरा इलाका अफगान डिफेंस मिनिस्ट्री का है। हाल के दिनों में यहां अफगानिस्तान के बड़े अफसरों के घर बने हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबानी गृह मंत्री और कुख्‍यात आतंकी सिराजुद्दीन हक्‍कानी ने उसे अपने एक बेहद सुरक्षित घर में पनाह दी थी।

9/11 अटैक का आरोपी था अल जवाहिरी
11 सितंबर 2001 को 19 आतंकियों ने 4 कॉमर्शियल प्लेन हाइजैक कर अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर टकरा दिए थे। अमेरिका में इसे 9/11 अटैक के नाम से जाना जाता है। इस अटैक में 93 देशों के 2,977 लोग मारे गए थे। इस हमले में ओसामा बिन लादेन, अल जवाहिरी समेत अलकायदा के सभी टेररिस्ट्स को अमेरिकी जांच एजेंसी ने आरोपी बनाया था।