नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया। अपने पहले संबोधन में उन्होंने महिलाओं के अधिकारों से लेकर आदिवासी समुदाय के योगदान तक पर बात की। वहीं, यह भी कहा कि कोरोना के दौर में जब पूरी दुनिया संकट से जूझ रही थी, तब भारत ने खुद को संभाला। अब भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
कोरोना के दौर की बात करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमने देश में बनी वैक्सीन के साथ मानव इतिहास का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया। पिछले महीने हमने दो सौ करोड़ वैक्सीन कवरेज का आंकड़ा पार कर लिया है। महामारी का सामना करने में हमारी उपलब्धियां दुनिया के विकसित देशों से बेहतर रही हैं।
भारत में शुरू से ही महिलाओं को वोटिंग राइट मिला
राष्ट्रपति ने कहा कि अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में महिलाओं को वोटिंग राइट्स हासिल करने के लिए लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा था, जबकि भारत ने गणतंत्र की शुरुआत से ही सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को अपनाया। इससे शुरुआत से ही महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला।
बेटियां फाइटर पायलट से लेकर स्पेस साइंटिस्ट तक बनीं
राष्ट्रपति ने कहा कि देश की बहुत सी उम्मीदें बेटियों पर टिकी हुई हैं। मौका मिलने पर वे शानदार सफलता हासिल कर सकती हैं। आज बेटियां फाइटर पायलट से लेकर स्पेस साइंटिस्ट तक हर काम में अपना परचम लहरा रही हैं। उन्होंने कहा- भारत के नए आत्मविश्वास का स्रोत देश के युवा, किसान और सबसे बढ़कर देश की महिलाएं हैं। महिलाएं अनेक रूढ़ियों और बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़ रही हैं। सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में उनकी बढ़ती भागीदारी निर्णायक साबित होगी। आज हमारी पंचायती राज संस्थाओं में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की संख्या चौदह लाख से भी ज्यादा है।
हर नागरिक अपने कर्तव्यों के बारे में जाने
देश के प्रत्येक नागरिक से मेरा अनुरोध है कि वे अपने मूल कर्तव्यों के बारे में जानें, उनका पालन करें, जिससे हमारा राष्ट्र नई ऊंचाइयों को छू सके। आज देश में स्वास्थ्य, शिक्षा और अर्थ-व्यवस्था तथा इनके साथ जुड़े अन्य क्षेत्रों में जो अच्छे बदलाव दिखाई दे रहे हैं उनके मूल में सुशासन पर विशेष बल दिए जाने की प्रमुख भूमिका है।