मुंबई। सौरव गांगुली का बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है और उन्हें विस्तार नहीं मिला है। सूत्रों के मुताबिक रोजर बिन्नी नए बीसीसीआई अध्यक्ष हो सकते हैं।
बता दें कि मुंबई में मंगलवार को बीसीसीआई हेड क्वार्टर में एक बड़ी मीटिंग हुई। यहां पूरे देश के क्रिकेट संघ से बड़े अधिकारी आए हुए थे। बीसीसीआई का नियम है कि पुराना अध्यक्ष ही नए अध्यक्ष का नाम प्रस्तावित करता है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि गांगुली ने ये नहीं किया। वे दूसरी बार बीसीसीआई अध्यक्ष बनना चाहते थे, लेकिन लोग उनके सपोर्ट में नहीं आए। ऐसे में उन्होंने अपनी नाराजगी छिपाने की कोई कोशिश भी नहीं की।
आईपीएल चेयरमैन बनने को कहा गया
पहले गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटाए गए। इसके बाद उन्हें आईपीएल चेयरमैन पद का ऑफर किया गया, लेकिन गांगुली ने इस ऑफर को ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई अध्यक्ष हटने के बाद मैं उसकी किसी उपसमिति का अध्यक्ष नहीं बन सकता।
संभावित नई कार्यकारिणी
अध्यक्ष: रोजर बिन्नी (पहले सौरव गांगुली)।
उपाध्यक्ष: राजीव शुक्ला (पहले भी यही थे)।
सचिव: जय शाह (पहले भी यही थे)।
संयुक्त सचिव: देवजीत सैकिया (जयेश जॉर्ज)।
कोषाध्यक्ष: आशीष शेलार (अरुण सिंह धूमल)।
IPL चेयरमैन: अरुण सिंह धूमल (राजीव शुक्ला)।
राजनीतिक पार्टियां भी कूदीं मैदान में
इन खबरों के बीच पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी ने बड़ा आरोप भी लगा दिया है। उसका कहना है कि भाजपा ने सौरव गांगुली को अपमानित किया है, क्योंकि वह उन्हें पार्टी में शामिल करने में विफल रही। तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा ने पिछले साल के विधानसभा चुनाव से पहले लोगों के बीच यह संदेश फैलाने की कोशिश की थी कि राज्य में बेहद लोकप्रिय गांगुली पार्टी में शामिल होंगे। टीएमसी ने यह भी दावा किया कि यह राजनीतिक प्रतिशोध है। जब गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह दूसरे कार्यकाल के लिए बीसीसीआई के सचिव पद पर बने रह सकते हैं तो गांगुली क्यों नहीं।