Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 सुबह हार्ट अटैक से हुई मौत
0 पैतृक गांव में सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार 

रायपुर/कांकेर/चारामा। छत्तीसगढ़ विधानसभा उपाध्यक्ष और भानुप्रतापपुर विधायक मनोज मंडावी के निधन पर एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है। राजधानी रायपुर और कांकेर में आज राजकीय शोक रहेगा। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ उनके गृह ग्राम में किया जाएगा। विधानसभा उपाध्यक्ष के निधन की खबर के बाद प्रदेश में शोक की लहर है। सीएम भूपेश बघेल ने भी उनके निधन पर दुख जताया है।

रविवार सुबह विस उपाध्यक्ष मनोज मंडावी की हार्ट अटैक से मौत हो गई। शनिवार की रात धमतरी के सर्किट हाउस में वे रुके हुए थे। वहीं रविवार की सुबह उनके सीने में अचानक दर्द हुआ। इसके बाद उन्हें धमतरी के अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल ले जाते वक्त डॉक्टरों ने श्री मंडावी को मृत घोषित कर दिया। चारामा के पास स्थित पैतृक ग्राम नाथियानवा में मनोज मंडावी का अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

आबकारी मंत्री कवासी लखमा और मोहन मरकाम भी विधायक के घर पहुंचे। दोनों ने मनोज मंडावी के परिजनों से मुलाकात कर परिजनों को ढांढस बंधाया। इस दौरान कवासी लखमा के आंखों से आंसू छलक गए।

लगातार दूसरी बार बने थे विधायक
मनोज मंडावी भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार विधायक बने थे। उनके निधन के बाद से पूरे भानुप्रतापपुर में मातम छाया हुआ है। मध्यप्रदेश से अलग होने के बाद नए राज्य छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी के शासन काल में मंडावी पीडब्ल्यूडी और नगरीय प्रशासन विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। 2018 विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी देवलाल दुग्गा को हराया था।

पारिवारिक बैकग्राउंड
मनोज मंडावी का जन्म 14 नवंबर 1964 को हुआ था। वे कांकेर जिले के नथिया नवा गांव के रहने वाले थे। उन्होंने, एमए, एलएलबी अंतिम वर्ष तक की पढ़ाई की थी। 21 फरवरी 1995 में सावित्री मंडावी के साथ उनका विवाह हुआ था। मनोज मंडावी के 2 बेटे हैं। छोटा बेटा अमन मंडावी भी राजनीति से जुड़ा है। हाल ही में वह यूथ कांग्रेस का कांकेर जिला अध्यक्ष बना है। इसके अलावा बड़ा बेटा दूसरा काम काज करता है।

मंडावी आदिवासी समाज के बड़े नेता थेः सीएम बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी के आकस्मिक निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि श्री मंडावी वरिष्ठ आदिवासी नेता थे। उन्होंने नवगठित छत्तीसगढ़ के गृह राज्यमंत्री और विधानसभा के उपाध्यक्ष सहित अनेक महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया और प्रदेश की सेवा की। वे वर्ष 1998 में अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के तथा वर्ष 2013 और 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। श्री मंडावी छत्तीसगढ़ आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष भी रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनोज सिंह मंडावी आदिवासी समाज के बड़े नेता थे। वे आदिवासियों की समस्याओं को विधानसभा में प्रभावशाली ढंग से रखते थे। श्री मंडावी आदिवासी समाज की उन्नति और अपने क्षेत्र के विकास के लिए सदैव प्रयासरत रहे। प्रदेश के विकास में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। उनका निधन हम सबके लिए अपूरणीय क्षति है। मुख्यमंत्री ने मनोज सिंह मंडावी के शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।

आदिवासी समाज को अपूर्ण क्षतिः मोहन मरकाम
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने मनोज मंडावी के निधन पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि मनोज मंडावी हमारे बीच नहीं रहे मैं मेरे और हमारे पार्टी के तरफ से उन्हें शत-शत नमन करता हूं श्रद्धांजलि देता हूं। आदिवासी समाज को अपूर्ण क्षति हुई है। श्री मरकाम ने कहा कि कांग्रेस ने संभावनाओं से भरा अपना कर्मठ नेता खो दिया। वे आदिवासी समाज की मजबूत आवाज थे, उनका ऐसा जाना हृदय विदारक है। ईश्वर उनके परिजनों को इस दुख को सहने की शक्ति दे।

मनोज मंडावी संभावनाओं से परिपूर्ण जननेता थेः अरुण साव
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद अरुण साव ने विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के निधन पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि वे असीम संभावनाओं से परिपूर्ण जननेता थे। उन्होंने राजनीति के क्षेत्र में अपने कार्य और व्यवहार से विशिष्ट स्थान बनाया। वे राज्य के एक जुझारू और जनप्रिय नेता थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।

मनोज मंडावी कर्मठ जन नेता थेः चंदेल
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के निधन को राज्य की बड़ी क्षति बताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। नेता प्रतिपक्ष चंदेल ने कहा कि मनोज मंडावी ने विधानसभा उपाध्यक्ष के रूप में अपने काम और व्यवहार से अमिट छाप छोड़ी है। वे सरल, सहज और जुझारू जननेता थे।

मनोज मंडावी का राजनीतिक सफर 
0 साल 1998 से 2000 तक वे मध्यप्रदेश शासन में एससी, एसटी आदिवासी मंत्रणा समिति के सदस्य थे।
0 साल 2013 में वे दूसरी बार छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए।
0 साल 2014-15 में छत्तीसगढ़ विधानसभास में विशेषाधिकार समिति के सदस्य बने।
0 साल 2015-16 में गैर सरकारी सदस्यों के विधेयकों औक संकल्प संबंधी समिति के सदस्य बने।
0 साल 2017-18 में विधान समिति, प्रश्न एवं संदर्भ समिति के सदस्य बने।
0 साल 2018 में तीसरी बार छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए।
0 साल 2018-19 में सरकारी उपक्रमों संबंधित समिति, पटल पर रखे गए पत्रों के परीक्षण करने संबंधी समिति के सदस्य बने।
0 साल 2019-20 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष बने।
0 साल 2020-21 से वे विधानसभा उपाध्यक्ष के साथ ही विशेष आमंत्रित सदस्य भी रहे।

मनोज मंडावी।