0 कहा- गलती से टर्मिनेट कर दिया था, मस्क के विजन को आगे बढ़ाने में इनकी जरूरत
नई दिल्ली। ट्विटर ने 50% एम्प्लॉइज की छंटनी के बाद अब उनमें से कुछ कर्मचारियों को वापस लौटने के लिए कहा है। कंपनी का कहना है कि उन्हें गलती से टर्मिनेट कर दिया गया था। ब्लूमबर्ग ने इसे लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की है। रिपोर्ट के अनुसार कंपनी मैनेजमेंट ने कुछ लोगों को जल्दबाजी में निकाल दिया था। अब कंपनी को लगता है कि मस्क के विजन को आगे बढ़ाने के लिए इनकी जरूरत पड़ेगी। यही वजह है कि उनको वापस बुलाया जा रहा है।
ट्विटर ने करीब आधे कर्मचारियों को निकाला
एलन मस्क ने ट्विटर को खरीदने के साथ ही दुनिया भर में कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी है। ये छंटनी शुक्रवार से शुरू हुई है। ट्विटर के कुल 7,500 स्टाफ में से करीब आधे को निकाल दिया गया है। भारत में ट्विटर के 200 से ज्यादा कर्मचारियों थे, जिनमें में से लगभग 90% को निकाल दिया गया है। इंजीनियरिंग, सेल्स, मार्केटिंग और कम्युनिकेशन टीमों में छंटनी की गई है।
कर्मचारियों को तीन तरह के ईमेल
ट्विटर के कर्मचारियों को तीन तरह के ईमेल भेजे हैं। एक ईमेल उन लोगों के लिए है जिन्हें निकाला नहीं गया है, एक उन लोगों के लिए है जिन्हें निकाल दिया गया है जबकि एक मेल उन लोगों के लिए है जिनकी नौकरी अभी भी अधर में है।
सबसे पहले चार टॉप ऑफिशियल्स को निकाला था
एलन मस्क ने 27 अक्टूबर को 44 बिलियन डॉलर की डील में ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद कंपनी के चार टॉप ऑफिशियल्स को निकाल दिया था। इनमें CEO पराग अग्रवाल, फाइनेंस चीफ नेड सेगल और लीगल एग्जीक्यूटिव्स विजया गड्डे और सीन एडगेट शामिल हैं। इसके बाद चीफ मार्केटिंग ऑफिसर लेस्ली बेरलैंड, चीफ कस्टमर ऑफिसर सारा पर्सनेट और ग्लोबल क्लाइंट सॉल्यूशंस के वाइस प्रेसिडेंट जीन-फिलिप महू को बाहर कर दिया गया।
कंपनी को रोजाना 32 करोड़ का नुकसान
छंटनी पर मस्क ने कहा था कि जब कंपनी को रोजाना 40 लाख डॉलर (32.77 करोड़ रुपए) का नुकसान हो रहा है, तो हमारे पास कर्मचारियों को हटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। जिन्हें भी निकाला गया है, उन्हें 3 महीने का सेवरेंस दिया गया है, जो कि कानूनी तौर पर दिए जाने वाले अमाउंट से 50% ज्यादा है।'