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विजयवाड़ा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को कहा कि महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता के मामले में आंध्र प्रदेश अनुकरणीय राज्यों में से एक है। श्रीमती मुर्मू ने यहां आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा उनके सम्मान में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में भाग लेने के बाद यह बात कही। उन्होंने इस संदर्भ में कवयित्री मोल्ला को याद किया, जिन्होंने एक अद्भुत महाकाव्य ‘मोल्ला-रामायण’ की रचना की थी।

राष्ट्रपति ने महिलाओं की प्रगति और स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भागीदारी के लिए कई प्रयास करने वाली दुर्गाबाई देशमुख को भी याद किया। साथ ही उन्होंने आंध्र प्रदेश की बहू सरोजिनी नायडू को भी याद किया। श्रीमती मुर्मू ने कहा कि सरोजिनी नायडू ने महात्मा गांधी के ‘नमक सत्याग्रह’ में अग्रणी भूमिका निभाई है और वह स्वतंत्र भारत में किसी भी राज्य की पहली महिला राज्यपाल थीं।

उन्होंने भारत के राष्ट्रपति के रूप में राज्य की अपनी पहली यात्रा के दौरान आंध्र प्रदेश की सरकार और लोगों को उनके आतिथ्य सत्कार के लिए धन्यवाद दिया।
श्रीमती मुर्मू ने कहा कि आंध्र की भूमि को गोदावरी, कृष्णा, पेन्नार, वंशधारा और नागावली जैसी नदियों का आशीर्वाद प्राप्त है। उन्होंने कहा कि इन नदियों ने आंध्र प्रदेश की समृद्ध परंपराओं को भी जीवन शक्ति दी है। उन्होंने सभी नागरिकों से हमारी नदी-माताओं की स्वच्छता और सुरक्षा के लिए हमेशा सतर्क रहने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहा कि महान बौद्ध दार्शनिक नागार्जुन के नाम पर ‘नागार्जुन सागर परियोजना’ का विकास प्रगति को विरासत से जोड़ने का एक अच्छा उदाहरण है। श्रीमती मुर्मू ने कहा कि जब उन्हें झारखंड के राज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, तो उन्होंने हमेशा इस बात का ध्यान रखा कि सरोजिनी नायडू जैसी महान महिलाओं द्वारा प्रस्तुत आदर्शों के अनुसार लोगों की सेवा में लगना ही देश की सेवा करने का सही तरीका है।

उन्होंने कहा कि भारत के लोग हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम में आंध्र प्रदेश के लोगों की सक्रिय भागीदारी को याद करते हैं। इस साल हम अल्लुरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती मना रहे हैं। उन्होंने कहा,“हमारी युवा पीढ़ी को अल्लुरी सीताराम राजू और भगवान बिरसा मुंडा जैसे व्यक्तित्वों द्वारा किए गए योगदान के बारे में अच्छी तरह से पता होना चाहिए जिन्होंने कम उम्र में ही भारत माता के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया।”

श्रीमती मुर्मू ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि ‘अल्लूरी सीताराम राजू मेमोरियल ट्राइबल फ्रीडम फाइटर्स म्यूजियम’ बनाया जा रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आंध्र प्रदेश ने भारत में आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास में अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने फार्मेसी और बायो-केमिस्ट्री के क्षेत्र में डॉ. येल्लाप्रगदा सुब्बाराव के योगदान को याद करते हुए कहा कि डॉ. सुब्बाराव के शोध से कई दवाओं का बनना संभव हुआ है।

उन्होंने कहा कि इसरो की श्रीहरिकोटा रेंज अंतरिक्ष विज्ञान में नए प्रतिमान स्थापित कर रही है। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी, विशेषकर सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आंध्र प्रदेश के लोगों ने पूरे विश्व में भारत का मान बढ़ाया है। राष्ट्रपति ने कामना की कि आंध्र प्रदेश के प्रतिभाशाली और समर्पित लोगों के समर्थन से, इस राज्य की विकास यात्रा आगे बढ़ेगी तथा विश्वास व्यक्त किया कि राज्य के लोग भारत के विकास में असाधारण योगदान देना जारी रखेंगे।
श्रीमती मुर्मू आंध्र प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर यहां पहुंची हैं।

इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन, मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी और अन्य गणमान्य लोगों ने यहां के पास गन्नवरम हवाईअड्डे पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। राजभवन में उनके सम्मान में राज्यपाल द्वारा आयोजित राजकीय भोज में भाग लेने के बाद वह विशाखापत्तनम के लिए रवाना होंगी। शाम को, राष्ट्रपति नौसेना दिवस के अवसर पर विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना द्वारा परिचालन प्रदर्शन देखेंगे और रक्षा, सड़क परिवहन व राजमार्ग तथा जनजातीय मामले के मंत्रालयों की परियोजनाओं का उद्घाटन/शिलान्यास करेंगी। पांच दिसंबर की सुबह द्रौपदी मुर्मू तिरुमाला मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की पूजा करेंगी।
कल सुबह 10.40 बजे, वह तिरुपति में श्री पद्मावती महिला विश्वविद्यालय का दौरा करेंगी और छात्रों, संकाय सदस्यों, महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों तथा महिला उपलब्धि हासिल करने वालों के साथ बातचीत करेंगी। बाद में राष्ट्रपति तिरुपति के पास रेनीगुंटा हवाईअड्डे से दिल्ली के लिए रवाना होंगी।