उज्जैन। महाकाल मंदिर में 20 दिसंबर से मोबाइल पर बैन लगाया जाएगा। श्री महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। समिति अध्यक्ष कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को बैठक हुई। मंदिर कैम्पस में फिल्मी सॉन्ग्स पर वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करने के मामले बढ़ने पर मंदिर प्रबंध समिति ने महाकाल मंदिर कैम्पस को नो मोबाइल जोन में बदलने का निर्णय लिया है। यानी अब कोई भी श्रद्धालु अपने साथ मोबाइल नहीं ले जा पाएगा। मंदिर परिसर में किसी के पास मोबाइल मिला तो जुर्माना वसूला जाएगा।
हालांकि, भस्म आरती में मोबाइल ले जाने की छूट रहेगी। वह इसलिए कि ऑनलाइन बुकिंग करवाने वाले श्रद्धालुओं के टिकट मोबाइल पर जारी होते हैं। उन्हें मंदिर में प्रवेश के पहले मोबाइल पर जारी टिकट की जांच करवाना पड़ती है। शनिवार को मंदिर में महिला सुरक्षाकर्मियों के डांस के दो वीडियो सामने आए थे। दोनों महिला सुरक्षाकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। सुरक्षाकर्मियों के एंड्रॉयड मोबाइल रखने पर इसी दिन पाबंदी लगा दी गई थी।
कहां जमा होंगे भस्म आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के मोबाइल?
कोई भी श्रद्धालु अपने साथ मोबाइल नहीं ले जा पाएगा, लेकिन भस्म आरती में मोबाइल ले जाने की छूट रहेगी। ऑनलाइन बुकिंग करवाने वाले श्रद्धालुओं के टिकट मोबाइल पर जारी होते हैं। उन्हें मंदिर में प्रवेश के पहले मोबाइल पर जारी टिकट की जांच करवाना पड़ती है। इसके बाद ही उन्हें भस्म आरती में प्रवेश दिया जाता है। भस्म आरती करने वाले श्रद्धालुओं के मोबाइल विश्रामधाम में जमा करवाए जाएंगे। समिति सदस्यों के अनुसार मंदिर के अफसर, पंडे, पुजारी मोबाइल ले जा सकेंगे, लेकिन उनका उपयोग नहीं कर पाएंगे। ऐसा होने पर उनके खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई की जा सकती है। बैठक में महापौर मुकेश टटवाल, मंदिर प्रबंध समिति सदस्य राजेंद्र गुरु, रामजी पुजारी, प्रशांत गुरु, प्रशासक संदीप सोनी और लोकेश चौहान मौजूद थे। कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि मंदिर परिसर में फोटो खींचने के लिए समिति की ओर से अधिकारिक व्यक्ति रहेगा। श्रद्धालु उससे फोटो खिंचवा सकेंगे।
बाकी श्रद्धालुओं के मोबाइल कहां रखेंगे?
महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। मंदिर समिति के अनुसार, पूर्व में 10 से 25 हजार श्रद्धालु औसत प्रतिदिन आते थे, जो बढ़कर 35 से 50 हजार हो गए हैं। इसके अलावा पर्व, त्योहार और अवकाश के दिन यह आंकड़ा बढ़कर 50 हजार से एक लाख तक पहुंच जाता है। मंदिर प्रशासक के अनुसार इतनी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के मोबाइल कहां रखेंगे? इसकी व्यवस्था 15 दिन में कर ली जाएगी।