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0 आईएएस विश्नोई, सूर्यकांत, लक्ष्मीकांत और सुनील अग्रवाल जेल भेजे गए

रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग केस के सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। कई घंटे की सुनवाई के बाद भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली है। कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, आईएएस समीर विश्नोई, लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल को कोर्ट ने 10 दिसंबर तक के लिए जेल भेज दिया है। वहीं उप सचिव सौम्या चौरसिया को 10 दिसंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है।

ईडी के विशेष लोक अभियोजक सौरभ कुमार पाण्डेय ने बताया कि एजेंसी ने सौम्या चौरसिया को अदालत में पेश कर 10 दिन की रिमांड मांगी थी। सुनवाई के बाद अदालत ने चार दिन की रिमांड बढ़ाई है। उन्हें 10 दिसम्बर को फिर से अदालत के सामने पेश किया जाएगा। न्यायिक रिमांड पर चल रहे आरोपियों को भी 10 दिसम्बर तक न्यायिक हिरासत में ही भेजा गया है। सौम्या चौरसिया के वकीलों ने अदालत में कहा कि ईडी नौ बार पूछताछ कर चुकी है। आईटी और ईडी का छापा पड़ा, लेकिन कुछ भी जब्त नहीं हुआ है। इनकी मां ने आईटी को पूरा ब्यौरा दिया है कि संपत्ति कहां से आई।

 बचाव पक्ष के अधिवक्ता फैजल रिजवी ने बताया कि हिरासत के दौरान सौम्या चौरसिया को बच्चों से मिलने की अनुमति दी गई है। हर दूसरे दिन वकील से मुलाकात की शर्त पहले ही लगी हुई है।

बताया जा रहा है कि अदालत ने 10 दिसम्बर को ईडी की कार्रवाई के 60 दिन पूरे हो रहे हैं। नियमों के मुताबिक एजेंसी को इन 60 दिनों के भीतर ही अभियोग पत्र पेश करना होता है। माना जा रहा है, उस दिन अभियोग पत्र पेश नहीं हुआ तो अदालत आरोपियों को राहत दे सकती है। ईडी के अफसर इस मामले में अब तक हुई जांच और पूछताछ के आधार पर आरोप पत्र बनाने की जल्दी में है। उनकी कोशिश है कि 10 दिसम्बर तक यह आरोप पत्र अदालत में पेश हो जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो 60 दिन के भीतर आरोप पत्र देने की सीमा खत्म हो जाएगी। ऐसे में 13 अक्टूबर को गिरफ्तार तीन आरोपियों की जमानत का रास्ता खुल जाएगा।

न्यायालय परिसर में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम, पत्रकारों को रोका
मनी लांड्रिंग के हाईप्रोफाइल केस में आरोपियों की पेशी से ठीक पहले जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए थे। एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारियों की अगुवाई में करीब 150 से अधिक पुलिसकर्मी वहां लगाए गए थे। पत्रकारों को न्यायालय भवन की पांचवी मंजिल पर स्थित ईडी के विशेष न्यायालय की ओर जाने से रोक दिया गया। पुलिस की ओर से कहा गया, ऐसा मजिस्ट्रेट का आदेश है।

सौम्या चौरसिया को 2 दिसम्बर को गिरफ्तार किया
इस बीच ईडी की दूसरे अफसरों और कारोबारियों से पूछताछ जारी रही। लगातार कई दिनों की पूछताछ के बाद ईडी ने 2 दिसम्बर को सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया था। उनपर बेनामी संपत्ति की खरीदी-बिक्री से काला धन खपाने का आरोप लगाया गया है। उनको 6 दिसम्बर तक ईडी की हिरासत में भेजा गया था। सौम्या की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने जेल में बंद आरोपियों से भी पूछताछ की है। अफसरों का कहना है कि पूछताछ में कुछ नये तथ्य सामने आए हैं। उनकी पुष्टि के लिए सभी आरोपियों के बयानों को क्रॉस चेक किया जा रहा है। जल्दी ही इस मामले में कुछ नई गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।

अक्टूबर से ही जेल में हैं तीन आरोपी
प्रवर्तन निदेशालय ने 11 अक्टूबर को प्रदेश के कई अफसरों और कारोबारियों के ठिकानों पर छापा मारा था। प्रारंभिक जांच और पूछताछ के बाद 13 अक्टूबर को इस मामले में छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी (चिप्स) के तत्कालीन सीईसी समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और वकील और कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार किया था। इसके बाद सौम्या को 2 दिसम्बर को गिरफ्तार किया गया था। उस दिन ईडी ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन अदालत ने केवल 4 दिन की रिमांड मंजूर कर मनी लॉन्ड्रिंग केस के सभी आरोपियों के साथ चौरसिया को भी 6 दिसम्बर को पेश करने का आदेश दिया था। 29 अक्टूबर को इस मामले में एक अन्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी ने अदालत में समर्पण कर दिया। 10 दिन की पूछताछ के बाद सूर्यकांत को भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। तब से चारों आरोपी जेल में बंद थे।

लक्ष्मीकांत तिवारी ने खुद सरेंडर किया था।