नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा के नए सभापति जगदीप धनखड़ का स्वागत करते हुए बुधवार को कहा कि उनके नेतृत्व में उच्च सदन को सक्षम नेतृत्व मिलेगा और सदन देश के संकल्पों को पूरा करने का प्रभावी मंच बनेगा।
श्री मोदी ने राज्यसभा में श्री धनखड़ के स्वागत वक्तव्य ने कहा कि आज संसद का ये उच्च सदन एक ऐसे समय में आपका स्वागत कर रहा है, जब देश दो महत्वपूर्ण अवसरों का साक्षी बना है। कुछ ही दिन पहले दुनिया ने भारत को जी-20 समूह की मेजबानी का दायित्व सौंपा है। साथ ही, ये समय अमृतकाल के आरंभ का समय है। ये अमृतकाल एक नए विकसित भारत के निर्माण का कालखंड तो होगा ही, साथ ही भारत इस दौरान विश्व के भविष्य की दिशा तय करने पर भी बहुत अहम भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा कि आपको इस सदन की तरफ से और पूरे देश की तरफ से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आपने एक सामान्य परिवार से आ करके संघर्षों के बीच जीवन यात्रा को आगे बढ़ाते हुए आप जिस स्थान पर पहुंचे हैं, वो देश के कई लोगों के लिए अपने-आप में एक प्रेरणा का कारण है।
श्री मोदी ने कहा कि श्री धनखड़ में किसान और सैनिक समाहित है। आप तो झुंझुनू से आते हैं, झुंझुनू वीरों की भूमि है। शायद ही कोई परिवार ऐसा होगा, जिसने देश की सेवा में अग्रिम भूमिका न निभाई हो। और ये भी सोने में सुहागा है कि आप स्वयं भी सैनिक स्कूल के विद्यार्थी रहे हैं। तो किसान के पुत्र और सैनिक स्कूल के विद्यार्थी के रूप में मैं देखता हूं कि आप में किसान और जवान, दोनों समाहित हैं।
उन्होंने कहा,“ भारत की इस यात्रा में हमारा लोकतंत्र, हमारी संसद, हमारी संसदीय व्यवस्था, उसकी भी एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। इस महत्वपूर्ण कालखंड में उच्च सदन को आपके जैसा सक्षम और प्रभावी नेतृत्व मिला है। आपके मार्गदर्शन में हमारे सभी सदस्यगण अपने कर्तव्यों का प्रभावी पालन करेंगे, ये सदन देश के संकल्पों को पूरा करने का प्रभावी मंच बनेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस उच्च सदन के कंधों पर भी जो जिम्मेदारी है उसका भी सबसे पहला सरोकार देश के सबसे निचले पायदान पर खड़े सामान्य मानवी के हितों से ही जुड़ा है। इस कालखंड में देश अपने इस दायित्व को समझ रहा है और उसका पूरी जिम्मेदारी से पालन कर रहा है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के रूप में देश की गौरवशाली आदिवासी विरासत हमारा मार्गदर्शन कर रही है। इसके पहले भी श्री रामनाथ कोविंद जी ऐसे ही वंचित समाज से निकलकर देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचे थे। और अब एक किसान के बेटे के रूप में आप भी करोड़ों देशवासियों की, गांव-गरीब और किसान की ऊर्जा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने -नयति इति नायक- का उल्लेख करते हुए कहा कि जो हमें आगे ले जाए, वही नायक है। आगे लेकर जाना ही नेतृत्व की वास्तविक परिभाषा है। राज्यसभा के संदर्भ में ये बात और महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि सदन पर लोकतांत्रिक निर्णयों को और भी रिफाइंड तरीके से आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि राज्यसभा देश की महान लोकतांत्रिक विरासत की एक संवाहक भी रही है और उसकी शक्ति भी रही है। हमारे कई प्रधानमंत्री ऐसे हुए, जिन्होंने कभी न कभी राज्यसभा सदस्य के रूप में कार्य किया है। अनेक उत्कृष्ट नेताओं की संसदीय यात्रा राज्यसभा से शुरू हुई थी। इसलिए इस सदन की गरिमा को बनाए रखने और आगे बढ़ाने के लिए एक मजबूत जिम्मेदारी हम सभी के ऊपर है।