नई दिल्ली। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने 2000 रुपए के नोट पर पाबंदी लगाने की मांग की है। राज्यसभा में सोमवार को मोदी ने कहा है कि बड़े नंबर्स के जो नोट हैं उनसे ब्लैकमनी रखने की संभावना ज्यादा होती है। ऐसे में 2000 के नोट को बंद कर देना चाहिए।
राज्यसभा में सार्वजनिक महत्व के मामलों पर चर्चा के दौरान मोदी ने कहा कि 2000 रुपए के नोटों का इस्तेमाल ब्लैक मनी, आतंकी फंडिंग, ड्रग्स तस्करी और जमाखोरी करने के लिए किया जा रहा है। अगर ब्लैकमनी को रोकना है, तो 2000 रुपए के नोट को बंद करना होगा। 2000 रुपए के नोट के सर्कुलेशन का अब कोई औचित्य नहीं है।
मोदी ने कहा कि यदि हम अमेरिका, चीन, जर्मनी, जापान जैसी प्रमुख विकसित इकोनॉमिज को देखें, तो उनके पास 100 से ऊपर की कोई करेंसी नहीं है। इसलिए केंद्र सरकार को इस पर विचार करना चाहिए और इसे धीरे-धीरे बैन करना चाहिए ताकि लोगों को 2000 रुपए के नोट को बदलने के लिए मिल सके।
रिजर्व बैंक छापना बंद कर चुका है
बताते चलें कि रिजर्व बैंक 2000 रुपए के नोट छापना बंद कर चुका है। धीरे-धीरे बाजार में भी 2000 के नोट दिखने बंद हो गए हैं। सुशील मोदी ने इस मामले को उठाकर यह भी संकेत दिए कि आने वाले समय में केंद्र सरकार 2000 के नोट पर पाबंदी लगा सकती है।
मालूम हो कि सुशील मोदी हैं ने कुछ समय पहले संसद में सांसदों के केंद्रीय विद्यालय के कोटा को समाप्त करने की मांग उठाई थी और बाद में केंद्र सरकार ने सभी लोकसभा राज्यसभा सदस्यों के केंद्रीय विद्यालय के कोटे को समाप्त कर दिया था।
2016 में की गई थी नोटबंदी
8 नवंबर 2016 को मोदी सरकार ने नोटबंदी की थी जिसमें, 500 और 1000 के नोट के प्रचलन पर पाबंदी लगा दी गई थी। उसके बाद 500 के और 2000 के नए नोट को लाया गया था लेकिन, धीरे-धीरे बाजार में 2000 रुपए के नोट दिखाई देना बंद हो गए।