0 लोग बोलना चाहें तो हम डराते नहीं हैं
दौसा/जयपुर। भारत जोड़ो यात्रा के 100 दिन पूरे होने पर राहुल गांधी ने जयपुर में प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी में गुटबाजी को लेकर बड़ा बयान दिया है। राहुल ने कहा कि हमारी पार्टी में तानाशाही नहीं है। कांग्रेस में बयानबाजी और थोड़ी चर्चा होती है, जो ठीक बात है। सिर्फ राजस्थान में ही नहीं, दूसरे राज्यों में भी यह चलता है। हमारा सोचना है कि ज्यादा नुकसान नहीं होना चाहिए पार्टी को, नुकसान होता है तो हम कार्रवाई करते हैं। जनरली विचारधारा है कि पार्टी के लोग बोलना चाहें तो डरा कर चुप नहीं कराते।
अगला विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में होगा? इस सवाल को राहुल गांधी टाल गए और कहा कि यह सवाल कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे जी से पूछें, वे अध्यक्ष हैं, मैं नहीं। सियासी बगावत पर तीन नेताओं को नोटिस के बाद अनिर्णय के सवाल पर राहुल ने कहा कि कोई अनिर्णय की हालत नहीं है। यह होता रहता है।
राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी के चुनाव जीतने के कई कारण हैं। उनके पास भारी पैसा है। वे लोगों को धमकाते हैं। हम ऐसा नहीं करते और ये संसाधन हमारे पास नहीं हैं। हमारे पास उतना पैसा नहीं है। बीजेपी के सत्ता में आने का दूसरा कारण है कि वह नफरत फैलाते हैं, वे देश को बांटते हैं। राहुल ने कहा कि बीजेपी का फंडा क्लीयर है इस पर। जिस दिन कांग्रेस को यह समझ आ गया कि वह क्या है, उस दिन कांग्रेस हर चुनाव जीतेगी। क्षेत्रीय पार्टी के पास देश का विजन नहीं है। क्षेत्रीय पार्टियां जाति, वर्ग, राज्य का प्रतिनिधित्व करती हैं।
मेरी भी जनता से थाेड़ी दूरी थी, वह खत्म हो गई
राहुल गांधी ने कहा कि यात्रा से मुझे पर्सनली बहुत फायदा हुआ है। बहुत सीखने को मिला है। मेरी भी जनता से थाेड़ी दूरी थी, वह खत्म हो गई। जो सड़क पर दिखता है, वह चलने से जो दिखता है, वह बिल्कुल अलग होता है। जब सड़कों पर चलते हैं तो थोड़ी थकान और दर्द होता है, हम लाखों लोगों से मिलते हैं, बात करते हैं। उन्होंने कहा कि हम किसान से मिलते हैं तो वह इस बात को समझ लेता है कि यह जो व्यक्ति आया है, यह दर्द सहकर आया है, फालतू में नहीं आया। फिर वह दिमाग से नहीं दिल से बोलता है। हिंदुस्तान की जनता दिल से बोलती है तो बात अलग होती है। राहुल गांधी ने कहा कि नेताओं की जनता से एक दूरी सी पैदा हो गई है। अंहकार पैदा हो गया है। मैंने सोचा कि जनता और नेता की दूरी को खत्म करना है। यह दर्द की दूरी है। यात्रा का लक्ष्य यह भी था कि जनता के बीच के दर्द को समझा जाए। जनता का बहुत प्यार मिला है, आपको मैं समझा नहीं सकता। हमारी यात्रा राजनीति करने का दूसरा तरीका है। ये गांधीजी का तरीका है, राजस्थान में सबसे अच्छा रिस्पोंस है।
गाड़ी को बैक गियर में चलाएंगे तो एक्सीडेंट होगा, देश में यही हो रहा
राहुल गांधी ने कहा कि गाड़ी को बैक गियर में चलाएंगे तो एक्सीडेंट होगा। देश को बैक गियर में नहीं चला सकते। देश में आज यही हो रहा है कि बीजेपी 2000 साल पहले की बात करती है, हम आगे की बात करते हैं। जो किया जाना चाहिए उसकी बात करते हैं।
चीन युद्ध की तैयारी कर रहा है, सरकार सोई हुई है
राहुल ने कहा कि चीन लगातार युद्ध की तैयारी कर रहा है। सरकार सोई हुई है। हमारी सरकार चीन की तैयारी को छुपाती है। हिंदुस्तान की सरकार रणनीतिक रूप से काम नहीं करती, इवेंट बेस काम करती है। जहां जिओ पॉलिटिक्स की बात आती है, वहां इवेंट काम नहीं आते, वहां ताकत काम आती है। विदेश मंत्री के बयान आते रहते हैं, उन्हें अपनी समझ गहरी करने की जरूरत है।
हर स्टेट को हम फैसले करने की छूट देते हैं
ओल्ड पेंशन स्कीम पर राहुल गांधी ने कहा कि हम हर स्टेट को यह नहीं कहते कि करना ही होगा। ओपीएस लागू करने को हम स्टेट्स पर छोड़ देते हैं। उन्हें स्वतंत्रता है, वो अपनी परिस्थिति के हिसाब से फैसले करें। राहुल ने कहा कि यह व्यक्ति इसलिए घूूम रहा है कि वह डर और नफरत मिटाना चाहता है। यह पहला व्यक्ति नहीं है जो घूम रहा है। मैं पहला और अंतिम व्यक्ति नहीं हूं। यह मेरी नहीं लोगों की यात्रा है। नफरत के खिलाफ पहले भी लोगों ने यात्राएं की हैं।
कांग्रेस से लोग प्यार करते हैं
राहुल ने कहा कि कन्याकुमारी से लेकर राजस्थान तक जमीन से एक बात समझ आई कि हमारे कार्यकर्ताओं की कमी नहीं है, लोग कांग्रेस पार्टी से प्यार करते हैं। एमपी, महाराष्ट्र में जो रिस्पांस मिला, वह शानदार था। राजस्थान में दो-तीन योजनाओं के बारे में लोग कहते हैं। चिरंजीवी योजना के बारे में लोग कह रहे हैं कि अच्छी योजना है। शहरी मनरेगा के बारे में काफी कह रहे हैं कि इसमें छोटी-छोटी प्रॉब्लम है। राजस्थान में लोग शिकायत भी करते हैं। यहां पानी की समस्या है। फ्लोराइड की समस्या है, यह छोटी समस्याएं हर जगह होती है।
ग्रासरूट कार्यकर्ता को जगह दी तो जीत होगी
राजस्थान में चेहरे के सवाल पर राहुल ने कहा कि चुनाव का प्रीडिक्शन आप करते हो। यहां पर कार्यकर्ताओं की ताकत बेमिसाल है। लोअर लेवल के लीडर्स का अच्छी तरह प्रयोग किया तो चुनाव जीत जाएंगे।