0 शिवसेना-एनसीपी बोलीं- पहले महाराष्ट्र के प्रोजेक्ट चुराए, अब भगवान छीन रही भाजपा
मुंबई/गुवाहाटी। देश के छठे ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर को लेकर असम सरकार और महाराष्ट्र के विपक्षी दलों के बीच विवाद छिड़ गया है। असम सरकार ने 14 फरवरी को एक विज्ञापन जारी किया, जिसमें श्रद्धालुओं और पर्यटकों को महाशिवरात्रि के पर्व पर असम आने के लिए कहा। विज्ञापन में लिखा है- असम के कामरूप में दाकिनी हिल्स (दाकिनी पर्वत शृंखला) में देश का छठा ज्योतिर्लिंग स्थित है।
विज्ञापन को लेकर महाराष्ट्र की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) और उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने भाजपा पर निशाना साधा है। दोनों पार्टियों ने कहा- सब जानते हैं कि छठा ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर मंदिर महाराष्ट्र के पुणे में है, फिर असम सरकार ने ऐसा विज्ञापन क्यों जारी किया?
दोनों दलों ने कहा- अब तक भाजपा इंडस्ट्री और रोजगार छीन रही थी। अब हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को चुराने की तैयारी कर रही है। पार्टियों का इशारा 22 हजार करोड़ के टाटा-एयरबस C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट और 1.63 लाख करोड़ के वेदांता फॉक्सकॉन प्रोजेक्ट को लेकर था जिसे पिछले साल महाराष्ट्र से गुजरात शिफ्ट किया गया था।
असम सरकार ने 14 फरवरी को जारी किया विज्ञापन
असम सरकार ने 14 फरवरी को राज्य के अखबारों में एक विज्ञापन जारी किया था। इसमें लिखा गया है- असम के कामरूप जिले में दाकिनी पर्वत पर मौजूद देश के छठे ज्योतिर्लिंग में आपका स्वागत है। विज्ञापन में देश के सभी 12 ज्योतिर्लिंगों का नाम दिया गया है, लेकिन पुणे स्थित भीमाशंकर मंदिर की जगह असम के भीमाशंकर को छठा ज्योतिर्लिंग बताया गया है।
पहले इंडस्ट्रीज ले गए, अब आध्यात्मिक धरोहर चुराने की तैयारीः
NCP सांसद सुप्रिया सुले ने असम सरकार के विज्ञापन के लेकर निशाना साधा है। सुले ने कहा- भाजपा नेताओं ने तय कर लिया है कि वे महाराष्ट्र के हिस्से में कुछ भी नहीं रहने देंगे। भाजपा ने पहले महाराष्ट्र के हिस्से की इंडस्ट्री और रोजगार छीन लिया। अब हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को चुराने की तैयारी की जा रही है।
सुले ने कहा कि श्रीमद आद्या शंकराचार्य ने अपने बृहद रत्नाकार स्त्रोत में साफ लिखा है कि भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग भीमा नदी और दाकिनी के जंगलों का उद्गम स्थल है। इसलिए पुणे का भीमाशंकर मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। अब क्या साबित करने की जरूरत है?