Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 खैरागढ़ इंदिरा कला और संगीत विश्वविद्यालय शोधार्थियों को सिखाए गए बाल साहित्य चित्रकारी के गुरूमंत्र

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के परिवेश की विविधता, बच्चों की कल्पनाशीलता और पढ़ने की ललक को आगे बढ़ाने में कितनी सहायक हो सकती है, इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्यालय और अंतरराष्ट्रीय संस्था रूम टू रीड ने 13 से 15 फ़रवरी तक रायपुर में एक 3 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में रूम टू रीड संस्था के विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे एक अच्छा बाल साहित्य बच्चों में जिज्ञासा बढ़ाकर उनके अंदर पढ़ने, जानने और सीखने की ललक बढ़ाने का एक बड़ा माध्यम है। संस्था के विशेषज्ञों ने बताया कि कहानियों का चित्रांकन किसी भी बाल साहित्य का एक बहुत ही महत्वपूर्ण भाग है, जो सिर्फ़ पढ़ पाने वाले बच्चों के लिए ही नहीं बल्कि उन बच्चों के लिए भी महत्वपूर्ण है जो अभी पढ़ना नहीं जानते या पढ़ने की आरंभिक अवस्था में हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 तथा एफ़ एल एन (बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मता मिशन) बच्चों के घर की भाषा और संदर्भ में अच्छे बाल साहित्य की उपलब्धता पर ज़ोर देता है। इसके अनुपालना में, समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्यालय लगातार प्रयास कर रहा है। संदर्भित बाल सुलभ कहानियों का निर्माण तथा उनके उपयुक्त चित्रांकन की समस्या के समाधान के लिए समग्र शिक्षा विभाग ने एक बड़ी पहल की है। इस क्रम में विभाग अपने ही अंचल खैरागढ़ जिले के कला-संगीत विश्ववियालय के साथ मिलकर कार्य कर रहा है।

समग्र शिक्षा कार्यालय द्वारा बाल कहानियों को लिखने के लिए विभाग ने सितंबर 2022 में 21 शिक्षकों के लिए रूम टू रीड संस्था के साथ मिलकर 3 दिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यशाला का आयोजन किया था। इस कार्यशाला के माध्यम से कहानी निर्माण के लिए एक राज्य स्तरीय स्रोत समूह का गठन किया गया है। फलस्वरूप 19 बाल कहानियों का निर्माण किया जा सका। शिक्षकों द्वारा बनायीं उन्हीं 8 कहानियों के चित्रांकन के लिए, खैरागढ़ विश्वविद्यालय के 13 शोधार्थियों तथा अच्छे चित्रकारों की क्षमता संवर्धन के लिए रायपुर में 3 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में बताया गया कि बच्चों के लिए साहित्य कैसा होता है, उसमें किन-किन चीजों का ध्यान रखा जाता है, उनके चित्र कैसे बनाये जाते है जिससे कि बच्चे उन चित्रों की तरफ आकर्षित होते है और पढ़ने के लिए प्रेरित होते है।

कार्यशाला की अध्यक्षता समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्यालय के सहायक संचालक डॉ. एम. सुधीश ने की। विशेषज्ञ के रूप में रूम टू रीड से सिमी सिक्का, नवनीत तथा खैरागढ़ विश्वविद्यालय से डॉ. कपिल सिंह वर्मा उपस्थित रहे। कार्यशाला समापन पर रूम टू रीड संस्था के राज्य प्रमुख प्रतीक बनर्जी ने सभी सहभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

 समग्र शिक्षा