नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार ने हर बजट में प्रौद्योगिकी की मदद से देशवासियों के जीवन यापन को सरल बनाने पर जोर दिया है और इस बार के बजट में प्रौद्योगिकी के साथ ही मानव स्पर्श को प्राथमिकता दिया गया है।
श्री मोदी ने अगले वित्त वर्ष के आम बजट पर किये गये प्रावधानों और उपायों पर वेबीनार की कड़ी के आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर टेक्नालॉजी से जीवनयापन में सरलता विषय पर वेबीनार को संबोधित करते हुये कहा कि 21वीं सदी का बदलता हुआ भारत, अपने नागरिकों को टेक्नालॉजी की ताकत से लगातार सशक्त कर रहा है। बीते वर्षों में हर बजट में टेक्नालॉजी की मदद से देशवासियों के जीवन यापन को सरल बनाने पर जोर दिया गया है। इस बार के बजट में भी प्रौद्योगिकी लेकिन साथ-साथ मानव स्पर्श को प्राथमिकता देने दी गयी है।
उन्होंने कहा कि एक जमाना था जब हमारे देश में सरकार की प्राथमिकताओं में बहुत ज्यादा विरोधाभास नजर आता था। समाज का एक वर्ग ऐसा था, जो चाहता था कि उनके जीवन में हर कदम पर सरकार का कोई न कोई हस्तक्षेप हो, सरकार का प्रभाव हो, यानी सरकार उनके लिए कुछ न कुछ करे। लेकिन पहले की सरकारों के समय इस वर्ग ने हमेशा अभाव ही महसूस किया। अभाव में जिंदगी जूझने में ही निकल जाती थी। समाज में ऐसे लोगों का भी वर्ग था, यह दूसरे प्रकार का था। जो स्वयं के सामर्थ्य से आगे बढ़ना चाहता था, लेकिन पहले की सरकारों के समय ये वर्ग भी हमेशा दबाव, सरकारी दखल भांति-भांति की रूकावटें डगर-डगर पर महसूस करता रहा। हमारी सरकार के बीते कुछ वर्षों के प्रयासों से अब ये स्थिति बदलने लगी है। आज सरकार की नीतियों और निर्णयों का सकारात्मक प्रभाव हर उस जगह दिखने लगा है जहां इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।
श्री मोदी ने कहा उनका प्रयास हर गरीब और वंचित के जीवन को आसान बना रहा है, उनके सरल जीवन यापन को बढ़ा रहा है। लोगों के जीवन में सरकार का दखल और दबाव भी कम हो गया है। आज लोग सरकार को रास्ते की रुकावट नहीं मानते। बल्कि लोग हमारी सरकार को नए अवसरों के जनक के तौर पर देखते हैं और निश्चित तौर पर इसमें टेक्नालॉजी की बहुत बड़ी भूमिका रही है।”
उन्होंने कहा कि टेक्नालॉजी वन नेशन-वन राशन कार्ड का आधार बनी और इससे करोड़ों गरीबों को पारदर्शिता से राशन मिलना सुनिश्चित हुआ। प्रवासी मजदूर के लिए तो एक बहुत बड़ा आशीर्वाद बन गया। टेक्नालॉजी , जनधन अकाउंट, आधार और मोबाइल इन तीनों के कारण करोड़ों गरीबों के बैंक खातों में सीधे पैसा भेजना संभव हुआ। उसी प्रकार से टेक्नालॉजी आरोग्य सेतु औऱ कोविन एेप उसका एक महत्वपूर्ण साधन बनी और इससे कोरोना के दौरान ट्रेसिंग और वैक्सीनेशन में बड़ी मदद मिली।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज टेक्नालॉजी ने रेलवे रिजर्वेशन को और आधुनिक बनाया तथा सामान्य से सामान्य मानव का इसमें कितना बड़ा सिरदर्द दूर हो गया है। कॉमन सर्विस सेंटर का नेटवर्क भी गरीब से गरीब व्यक्ति को टेक्नालॉजी के माध्यम से सरकारी सेवाओं से बड़ी आसानी से जोड़ रहा है। ऐसे अनेक फैसले लेकर सरकार ने देशवासियों के जीवन यापन में सरलता बढ़ाई है। आज भारत का हर नागरिक इस बदलाव को स्पष्ट तौर पर महसूस कर रहा है कि अब सरकार के साथ संवाद करना कितना आसान हो गया है। यानी सरकार तक देशवासी, आसानी से अपनी बात पहुंचा पा रहे हैं, और उसका समाधान भी उन्हें तुरंत मिल रहा है। जैसे, टैक्स से संबंधित शिकायतें पहले बहुत ज्यादा होती थीं, और उसके कारण उसके माध्यम से करदाताओं को कई तरीके से परेशान किया जाता था। इसलिए सरकार ने टेक्नालॉजी की मदद से टैक्स की पूरी प्रक्रिया को फेसलेस बना दिया है। अब शिकायतों और उसके निपटारे के बीच कोई व्यक्ति नहीं सिर्फ टेक्नालॉजी है।
उन्होंने कहा “ दूसरे विभागों में भी टेक्नॉलजी की मदद से हम ज्यादा बेहतर तरीके से समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। अलग-अलग विभाग अपनी सेवाओं को वैश्विक मानक के अनुरूप बनाने के लिए मिलकर टेक्नॉलजी का उपयोग कर सकते हैं। इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए, हम उन क्षेत्रों की भी पहचान कर सकते हैं जहां सरकार से संवाद को और आसान बनाया जा सकता है।”
श्री मोदी ने कहा कि मिशन कर्मयोगी के द्वारा सरकारी कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। इस ट्रेनिंग के पीछे कर्मचारियों को नागरिक केन्द्रित बनाना उद्देश्य है। इस ट्रेनिंग कोर्स को अपडेट करते रहने की जरूरत है। लेकिन इसका बेहतर परिणाम तभी मिलेगा जब इसमें बदलाव लोगों के फीडबैक के आधार पर हो। एक ऐसा सिस्टम तैयार किया जा सकता है जिससे ट्रेनिंग कोर्स को बेहतर बनाने के लिए लोगों के सुझाव मिलते रहे।
उन्होंने कहा कि टेक्नालॉजी हर किसी तक सही और सटीक इन्फॉर्मेशन पहुंचाकर सबको आगे बढ़ने का समान अवसर दे रही है। सरकार टेक्नॉलजी को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है। भारत में आधुनिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। ये भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि डिजिटल क्रांति का फायदा समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। आज जीईएम पोर्टल ने दूर-दराज के छोटे दुकानदार या रेहड़ी-पटरी वालों को भी ये अवसर दिया है कि वो सरकार को सीधे अपना प्रोडक्ट बेच सकें। ई नैम ने किसानों को अलग-अलग जगहों के खरीदारों से जुड़ने का अवसर दिया है। अब किसान एक ही जगह रहते हुए अपनी उपज का सबसे अच्छा मूल्य पा सकते हैं।