नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6-सदस्यीय कमेटी बनाई है। इस कमेटी में दो रिटायर्ड जज भी हैं। जिन लोगों के पास इस मामले में कोई सबूत हैं, उन्हें ये सबूत इस कमेटी को दे देने चाहिए। अगर कुछ गलत हुआ होगा तो किसी को नहीं छोड़ा जाएगा।
उन्होंने शुक्रवार को दिल्ली में एक निजी चैनल के कार्यक्रम में कहा कि सभी को देश की अदालतों में भरोसा होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के साथ सेबी भी इस मामले की जांच कर रही है। शाह ने आगे कहा कि लोगों को आधारहीन आरोप नहीं लगाने चाहिए, क्योंकि ये जांच में टिक नहीं पाते हैं।
राहुल को इंदिरा के बयान की याद दिलाई
शाह ने राहुल गांधी के लंदन में दिए बयानों पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के बाद राहुल की दादी इंदिरा गांधी इंग्लैंड गईं थीं। उस समय वे विपक्ष में थीं और सरकार ने उन्हें जेल भेजने की तैयारी कर रही थी। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड में उनसे सवाल पूछा गया कि आपका देश कैसे काम कर रहा है। इसके जवाब में इंदिरा ने कहा कि मेरा देश अच्छे से काम कर रहा है। कुछ मुद्दे हैं लेकिन मैं उनके बारे में यहां काम नहीं करना चाहती। यहां मैं भारतीय हूं और मैं अपने देश के बारे में कुछ नहीं कहूंगी।
विपक्ष बातचीत करे तो चलेगी संसद
अमित शाह ने कहा कि विपक्षी पार्टियां सामने आकर बात करें तो संसद में जारी गतिरोध खत्म हो सकता है। दोनों पक्ष स्पीकर के सामने बैठकर चर्चा करें तो संसद अच्छे से चल पाएगी। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सिर्फ मीडिया से बात करते हैं, प्रेस कॉफ्रेंस करते हैं। इससे कुछ नहीं हो सकता। संसद में सभी को बोलने की आजादी है, लेकिन इसके लिए कुछ नियमों का भी पालन करना होता है।
निष्पक्ष रूप से काम कर रही जांच एजेंसियां
शाह ने कहा कि सीबीआई और ईडी समेत सभी जांच एजेंसियां निष्पक्ष रूप से काम कर रही हैं। ये एजेंसियां कोर्ट से ऊपर नहीं हैं। इनकी कार्रवाई को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। उन्होंने पूछा कि ये लोग एजेंसियों के एक्शन के खिलाफ कोर्ट जाने के बजाय बाहर क्यों चिल्ला रहे हैं।
यूपीए शासन के दौरान दर्ज हुए सभी मामले
गृहमंत्री ने कहा कि यूपीए के 10 साल के शासन के दौरान लगभग 12 लाख करोड़ रुपए के घोटालों के आरोप लगे थे। उस समय स्थिति को संभालने के लिए यूपीए सरकार ने ही सीबीआई में केस दर्ज करवाए थे। 2 को छोड़कर बाकी सभी मामले यूपीए शासन के दौरान ही दर्ज हुए हैं।
सेंट्रल जांच एजेंसियों पर विपक्षी पार्टियां लगाती हैं आरोप
विपक्षी पार्टियां सेंट्रल जांच एजेंसियों पर उन्हें निशाना बनाने और भाजपा की मदद करने के आरोप लगाती हैं। फिलहाल, दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन, तेलंगाना सीएम की बेटी के कविता, आरजेडी नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सहित कई विपक्षी नेताओं पर इन एजेंसियों की कार्रवाई चल रही है।