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नई दिल्ली। लोकसभा ने अदानी मुद्दे पर विपक्षी दलों के सदस्यों के संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग को लेकर भारी शोर-शराबे और नारेबाजी के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से शुक्रवार को सदन में पेश वित्त विधेयक 2023 के प्रस्तावों को बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित कर दिया।
वित्त विधेयक के पारित होने के बाद अब वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार के वित्तीय प्रस्तावों को प्रभावी बनाया जा सकेगा। इससे पहले गुरुवार को सदन ने विपक्षी दलों के हंगामे के बीच विनियोग विधेयक 2023 पारित किया था।

लोकसभा की कार्यवाही हंगामे के कारण एक बार स्थगित होने के बाद 12 बजे जैसे ही दोबारा शुरू हुई तो पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसी बीच वित्त मंत्री ने 2023-24 वित्त वर्ष के लिए वित्त विधेयक के प्रस्ताव पेश किए।
वित्त विधेयक पेश करते हुए श्रीमती सीतारमण ने सरकारी कर्मचारियों के पेंशन और उनके हितों के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए पेंशन में सुधार की बात भी कही। वित्त मंत्री ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि एलआरएस का मुद्दा बहुत उठता है और कहा कि व‍िदेशी दौरों पर क्रेड‍िट कार्ड के भुगतान को स्‍वीकार नहीं क‍िया जा रहा है और इस मामले में लोगों की सुविधा का ध्यान रखने के लिए र‍िजर्व बैंक से आग्रह किया गया है।

वित्त मंत्री ने पेशन योजना पर बोलते हुए कहा कि कर्मचारियों की जरूरतों को पूरा करने और राजकोषीय व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने जैसे विभिन्न मुद्दों पर ध्यान देते हुए पेंशन प्रणाली पर विचार किया जाएगा और इस काम के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा।
वित्त विधेयक 2023 के पारित होते ही पीठासीन अधिकारी ने सदस्यों से शांति बनाए रखने और अपनी-आपनी सीटों पर जाने के लिए कहा लेकिन उनकी अपील पर ध्यान दिए बिना सदस्यों का हंगामा और तेज हो गया जिसे देखते हुए श्री अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।