वायनाड। संसद की सदस्यता जाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहली बार मंगलवार को वायनाड पहुंचे। इसके बाद राहुल ने मंगलवार को वायनाड के कलपेट्टा में रोड शो किया। इसमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी समेत पार्टी के कई सीनियर लीडर मौजूद रहे। कुछ ही देर में राहुल यहां एक जनसभा भी करेंगे। वे पिछले लोकसभा चुनाव में यहीं से सांसद बने थे।
बता दें कि राहुल गांधी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ा था। यहां उन्होंने 4.31 लाख वोटों से जीत दर्ज की। हालांकि, उत्तरप्रदेश की अमेठी सीट से उन्हें भाजपा की स्मृति ईरानी ने हरा दिया था।
वायनाड सीट से चुनाव जीतकर राहुल गांधी संसद पहुंचे थे, लेकिन कोर्ट से राहुल को दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद 24 मार्च को उनकी संसद की सदस्यता रद्द कर दी गई थी।
23 मार्च: मानहानि केस में राहुल को सजा मिली
बता दें कि सूरत की कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल को 2 साल कैद की सजा सुनाई। हालांकि 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई। उन्होंने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। इसके बाद गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था।
24 मार्च: राहुल की संसद सदस्यता रद्द
राहुल 24 मार्च की सुबह लोकसभा पहुंचे थे, यहां उन्होंने अडाणी मुद्दे पर बात की थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता 24 मार्च दोपहर करीब 2.30 बजे रद्द कर दी गई। वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे। लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी। लोकसभा की वेबसाइट से भी राहुल का नाम हटा दिया गया।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के एक फैसले में कहा था कि अगर कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी पाया गया और दो साल से अधिक की सजा मिली तो वह संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य होगा। इसी नियम के तहत राहुल की संसद सदस्यता रद्द हुई है।
25 मार्च: राहुल ने 28 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस की
सांसदी जाने के बाद राहुल ने 25 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान राहुल ने कहा था कि भाजपा ध्यान भटकाने की कोशिश करती है। कभी ओबीसी की बात करेगी, कभी विदेश में दिए बयान की बात करेगी। ये लोग मेरी सदस्यता रद्द करके मुझे रोक नहीं सकते। चाहे मुझे सदस्यता मिले, ना मिले, मैं अपना काम करूंगा। अगर ये मुझे स्थायी रूप से डिसक्वालिफाई कर दें, तो भी मैं अपना काम करूंगा। मैं संसद के अंदर रहूं या बाहर, कोई फर्क नहीं पड़ता।