नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान, पापुआ न्यू गिनी और आस्ट्रेलिया की यात्रा पर रवाना होने से पहले शुक्रवार को कहा कि वह जी7 देशों के साथ वैश्विक चुनौतियों के समाधान को लेकर विचार विमर्श के लिये उत्सुक हैं।
श्री मोदी ने अपने आधिकारिक वक्तव्य में कहा कि मैं जापान के प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा के निमंत्रण पर जापान की अध्यक्षता में हो रहे जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए हिरोशिमा, जापान के लिए रवाना होऊंगा।
उन्होंने कहा कि भारत-जापान शिखर सम्मेलन के लिए भारत की हाल की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री किशिदा से फिर से मिलना खुशी की बात होगी। इस जी7 शिखर सम्मेलन में मेरी उपस्थिति विशेष रूप से सार्थक है क्योंकि इस वर्ष जी20 की अध्यक्षता भारत के पास है। उन्होंने कहा कि वह जी7 देशों और अन्य आमंत्रित भागीदारों के साथ दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों और उन्हें सामूहिक रूप से संबोधित करने की आवश्यकता पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए उत्सुक हैं। इस के अलावा वह हिरोशिमा जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले कुछ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान से, मैं पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी पहुंचूंगा। यह मेरी पहली यात्रा होगी, साथ ही पापुआ न्यू गिनी की किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी। मैं 22 मई को फोरम फॉर इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स कोऑपरेशन (फिपिक) के तीसरे शिखर सम्मेलन की मेजबानी पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे के साथ संयुक्त रूप से करूंगा। मैं आभारी हूं कि सभी 14 प्रशांत द्वीप देशों (पीआईसी) ने इस महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन में भाग लेने के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।
उन्होंने कहा कि फिपिक का गठन 2014 में मेरी फिजी यात्रा के दौरान किया गया था, और मैं उन मुद्दों पर पीआईसी नेताओं के साथ जुड़ने की आशा करता हूं जो हमें एक साथ लाते हैं, जैसे कि जलवायु परिवर्तन और सतत विकास, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण, स्वास्थ्य और कल्याण, बुनियादी ढांचा और आर्थिक विकास।"
श्री मोदी ने कहा कि फिपिक की व्यस्तताओं के अलावा, वह पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल सर बॉब डाडे, प्रधानमंत्री मारापे और शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले पीआईसी के कुछ अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे।
उन्होंने कहा कि जापान और पापुआ न्यू गिनी के बाद, वह प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के निमंत्रण पर ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर सिडनी पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि श्री अल्बनीज़ के साथ द्विपक्षीय बैठक में इस साल मार्च में नई दिल्ली में आयोजित पहले भारत-ऑस्ट्रेलिया वार्षिक शिखर सम्मेलन पर अनुवर्ती कार्रवाई करने का अवसर मिलेगा। इस के अलावा उन्हें ऑस्ट्रेलियाई सीईओ और बिजनेस लीडर्स के साथ भी बातचीत करने और सिडनी में एक विशेष कार्यक्रम में भारतीय समुदाय से संवाद करने का भी मौका मिलेगा ।