0 गुवाहाटी से न्यू जलपाईगुड़ी के बीच चलेगी
0 411 किमी का सफर साढ़े 5 घंटे में पूरा करेगी
गुवाहाटी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नॉर्थ-ईस्ट की पहली और देश की 18वीं वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। PM इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। यह ट्रेन असम के गुवाहाटी से पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी के बीच चलेगी, जो 411 किलोमीटर की दूरी साढ़े 5 घंटे में तय करेगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज नॉर्थ-ईस्ट की कनेक्टिविटी से जुड़े तीन काम हो रहे हैं। नॉर्थ-ईस्ट को पहली मेड इन इंडिया वंदे भारत मिल रही है। दूसरा- ये पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली तीसरी वंदे भारत है। तीसरा- मेघालय के लगभग 425 किमी ट्रैक पर इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हो गया है।
बीते 9 साल नए भारत के निर्माण के रहे हैं। कल ही देश को आजाद भारत की भव्य-दिव्य आधुनिक संसद मिली है। ये भारत के हजारों साल पुराने लोकतांत्रिक इतिहास को हमारे उदार लोकतांत्रिक भविष्य से जोड़ने वाली संसद है। 2014 से पहले नॉर्थ ईस्ट के लिए रेलवे का बजट 2500 करोड़ रुपए था। अब यह 10000 करोड़ से ज्यादा है। जल्द ही पूर्वोत्तर के सभी हिस्से ब्रॉड गेज नेटवर्क से जुड़ जाएंगे। उस पर 1 लाख करोड़ खर्च रुपए किए जा रहे हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस कामाख्या मंदिर, असम में मानस टाइगर रिजर्व, मेघालय में शिलांग, चेरापूंजी और अरुणाचल प्रदेश में तवांग जैसे प्रमुख स्थलों को जोड़कर बिजनेस और टूरिज्म को बढ़ावा देगी।
हफ्ते में छह दिन चलेगी यह ट्रेन
गुवाहाटी-न्यू जलपाईगुड़ी वंदे भारत ट्रेन न्यू अलीपुरद्वार, कोकराझार, न्यू बोंगाईगांव और कामाख्या स्टेशन पर रुकेगी। 8 कोच वाली यह ट्रेन हफ्ते में छह दिन चलेगी। ट्रेन सुबह 6:10 बजे न्यू-जलपाईगुड़ी जंक्शन से निकलेगी और दोपहर में गुवाहाटी पहुंचेगी। रिटर्न में ट्रेन शाम 4:30 बजे गुवाहाटी से रवाना होगी और रात करीब 10 बजकर 20 मिनट पर न्यू जलपाईगुड़ी पहुंचेगी।
17वीं वंदे भारत 25 मई को उत्तराखंड को मिली
इससे पहले 25 मई को PM मोदी ने उत्तराखंड की पहली और देश की 17वीं वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई थी। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड का विकास भारत के विकास में भी मदद करेगा। देश अब रुकने वाला नहीं है, वह वंदे भारत की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है और बढ़ता जाएगा।
वंदे भारत से बढ़ी रेल यात्रियों की सुविधा
दुनिया में चौथा सबसे लंबा रेल नेटवर्क भारत का है। यहां 1.25 लाख किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक पर हर रोज 11 हजार से ज्यादा ट्रेनें दौड़ती हैं। इन ट्रेनों के जरिए करीब 3 करोड़ लोग हर रोज सफर करते हैं। इतना बड़ा और लोगों से जुड़ा होने की वजह से भारत में रेलवे का अलग बजट ही पेश किया जाता था। 2016 में मोदी सरकार ने 92 साल पुरानी ये प्रथा बंद की।