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0 इनमें 4 तीर्थंकरों की मूर्तियां मौजूद

हैदराबाद। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के पास 1000 साल पुरानी जैन मूर्तियां और शिलालेख मिले हैं। ये मूर्तियां और शिलालेख दो वर्गाकार स्तंभों (स्क्वायर पिलर) में बने हुए हैं। ये स्तंभ हैदराबाद के पास स्थित रंगा रेड्डी जिले के इनिकेपल्ली गांव में मिले हैं। यहां के एक तालाब में ये दोनों स्तंभ लगे हुए हैं। इन्हें अभी तक निकाला नहीं जा सका है। तालाब से स्तंभों को निकालने के बाद ही इनके बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी।

मशहूर आर्कियोलॉजिल्ट ई शिवनागी रेड्डी ने बताया है कि एक स्तंभ ग्रेनाइट का है, वहीं दूसरा बेसाल्ट से बना हुआ है। स्तंभ के चारों तरफ 4 जैन तीर्थंकरों- आदिनाथ, नेमिनाथ, पार्श्वनाथ और वर्धमान महावीर की ध्यानमुद्रा में मूर्तियां हैं। वहीं इसके ऊपर कीर्तिमुख हैं।

युवा आर्कियोलॉजिस्ट ने दी थी जानकारी
एक युवा आर्कियोलॉजिस्ट और हेरिटेज एक्टिविस्ट श्रीनाथ रेड्डी ने इन स्तंभों के बारे में शिवनागी रेड्डी को बताया था। जिसके बाद शिवनागी ने मोइनाबाद मंडल में इनिकेपल्ली गांव का दौरा किया। शिवनागी रेड्डी ने बताया कि दोनों स्तंभों पर तेलुगु और कन्नड़ भाषा में शिलालेख हैं। एक शिलालेख में जैन बसाड़ी के बारे में बताया गया है, जो इलाके के चिलुकुरू गांव के पास स्थित थी। ये 9-10वीं शताब्दी में राष्ट्रकुटा और वेमुलावाड़ा चालुक्यान समय के दौरान एक बड़ा जैन केंद्र था। अभी, चिलुकुरू में बालाजी भगवान का प्रसिद्ध मंदिर है।

100 साल पहले तालाब में लगाए गए होंगे स्तंभ
शिवनागी ने बताया कि लगभग 100 साल पहले पास के टूटे हुए जैन मंदिर से इन स्तंभों को लाकर तालाब में लगाया गया होगा। मूर्तियों के आर्कियोलॉजिकल महत्व को देखते हुए शिवनागी ने गांव के लोगों से इन्हें सुरक्षित रखने की अपील की है। शिवनागी ने कहा कि इन्हें नाली से निकाल कर बाहर सुरक्षित रखना चाहिए। साथ ही इनके इतिहास के बारे में बताया जाना चाहिए।

यदाद्रि में है 2 हजार साल पुराना जैन मंदिर
तेलंगाना के यदाद्रि जिले के कोलनुपका गांव में भी एक प्रसिद्ध जैन मंदिर है। हैदराबाद से 77 किमी दूर स्थित इस मंदिर को 2 हजार साल पुराना बताया जाता है। यह माना जाता है कि तेलंगाना में चौथी शताब्दी में जैन धर्म काफी प्रचलित था। वहीं, कोलनुपका इसका एक बड़ा केंद्र था।

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