0 शरद गुट ने अजित पवार के साथ गए सभी विधायकों को अयोग्य घोषित किया
मुंबई। महाराष्ट्र में सियासी उठकपटक जारी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में फूट के बाद अब पार्टी पर कब्जे के लिए चाचा-भतीजा में लड़ाई शुरू हो गई है। शरद पवार गुट ने जहां पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को एनसीपी से निकालने का ऐलान किया। इसी बीच अजित पवार ने एनसीपी की नई टीम का ऐलान किया, जिसमें सुनील तटकरे को महाराष्ट्र का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।
महाराष्ट्र की राजनीति में तेजी से बदल रहे घटनाक्रम में एनसीपी चीफ शरद पवार ने सांसद प्रफुल पटेल और सुनील तटकरे को पार्टी से निकालने का ऐलान कर दिया। उनकी बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने दोनों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए आज ही शरद पवार को चिट्ठी लिखी थी। इस ऐलान के तुरंत बाद ही अजित पवार ने भी एनसीपी पर अपना दावा करते हुए पार्टी की नई टीम बना दी। उन्होंने सांसद सुनील तटकरे को महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। वहीं अनिल पाटिल को पार्टी का चीफ ऑफ व्हिप की जिम्मेदारी दी है।
इससे पहले शरद पवार की अगुआई वाली एनसीपी ने अजित पवार के साथ गए सभी विधायकों को अयोग्य घोषित करने का प्रस्ताव पास किया। अजित पवार के शपथ समारोह में भाग लेने गए तीन नेताओं को भी पार्टी से निकाल दिया गया। इनमें पार्टी के क्षेत्रीय महासचिव शिवाजी राव गर्जे, अकोला शहर जिलाध्यक्ष विजय देशमुख और मुंबई डिवीजन के कार्यकारी अध्यक्ष नरेंद्र राणे शामिल हैं। अजित पवार समेत सभी 9 विधायकों को प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने एक्शन की सूचना दी।
भाजपा देशभर में चुनी हुई सरकारों को गिरा रहीः शरद पवार
एनसीपी में बगावत के बीच शरद पवार सोमवार को गुरु पूर्णिमा के दिन सातारा के कराड में अपने गुरु पूर्व सीएम यशवंत राव चाव्हाण की समाधि पर पहुंचे और श्रद्धांजलि दी। सातारा में हुई रैली में शरद पवार ने कहा कि भाजपा देशभर में चुनी हुई सरकारों को गिरा रही है। महाराष्ट्र में भी ऐसा ही हुआ है। महाराष्ट्र की जनता को एकजुट होकर अपनी ताकत दिखानी होगी। महाराष्ट्र में जातिवाद की राजनीति नहीं चलेगी। हमारे कुछ लोग भाजपा का शिकार हो गए। बड़ों के आशीर्वाद के साथ हम नई शुरुआत करेंगे। हमने 5 जुलाई को पार्टी के सभी नेताओं की मीटिंग बुलाई है। मीटिंग में सभी नेता एफिडेविट के साथ आएं। वहां (अजित पवार) खेमे से कई लोगों ने मुझे फोन किया और कहा कि उनकी विचारधारा एनसीपी से अलग नहीं है और वे अगले कुछ दिनों में अंतिम फैसला लेंगे। राज्य में हमारा संगठन मजबूत है। अजित का फैसला उनका निजी है। उनकी बातों का कोई महत्व नहीं है। हम लोग संघर्ष करेंगे। फिर से पार्टी को खड़ा करेंगे। लोगों का समर्थन हम लोगों के साथ है। जनता का प्यार बना रहा तो पूरी तस्वीर बदल देंगे।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील को उन विधायकों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने का अधिकार है, जिन्होंने कल महाराष्ट्र कैबिनेट में शपथ ली। मेरे पास पहले विधायकों के जाने के 2-3 पुराने अनुभव हैं। आगे नतीजे अच्छे होंगे।
वहीं एनसीपी के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि शरद पवार के दौरे में जिस तरह से लोग जुट रहे हैं, विधायकों को पता होना चाहिए कि जब शरद पवार उनके इलाके में उनके खिलाफ दौरा करेंगे तो उनका क्या हाल होगा। उन्होंने पार्टी बनाई है, चुनाव चिन्ह उनका है। ना कि प्रफुल पटेल, नरेंद्र मोदी का।
पवार भी अपने समर्थक विधायकों से मिले
अजित पवार और 8 अन्य विधायकों के बगावत के बाद एनसीपी ने सभी बागियों को डिस्क्वालिफाई करने के लिए विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर और चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि पार्टी की कमान शरद पवार के पास है। शरद ने 1999 में पार्टी की स्थापना की थी। अजित की पार्टी पर दावे से जुड़ी कोई भी अपील पर कार्रवाई करने से पहले उनके पक्ष को भी सुनें।
इस बीच पार्टी ने जितेंद्र आव्हाड को विधानसभा में विपक्ष का नेता और मुख्य सचेतक नियुक्त किया है। इससे पहले अजित पवार के पास ये जिम्मेदारी थी।
अजित पवार का एनसीपी पर दावा, बोले- पार्टी के 40 विधायक उनके साथ
उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अजित ने कहा कि उनके साथ पार्टी के 53 में से 40 विधायक हैं। यानी एक तिहाई से ज्यादा। उन्होंने एनसीपी छोड़कर शिवसेना-भाजपा से हाथ नहीं मिलाया है, बल्कि एनसीपी के तौर पर ही यह कदम उठाया है। हमने सभी सीनियर नेताओं को भी इसकी जानकारी दे दी है। उन्होंने कहा कि डेमोक्रेसी में मेजॉरिटी को महत्व दिया जाता है। हमारी पार्टी 24 साल पुरानी है और युवा लीडरशिप को आगे आना चाहिए। ऐसे में पार्टी पर अधिकार को लेकर चुनाव आयोग में अजित पवार गुट का दावा मजबूत रहेगा और शरद पवार को पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ सकता है।