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0 अब 1 अगस्त को चांद की तरफ निकलेगा
0 23 अगस्त को सतह पर उतरेगा लैंडर

नई दिल्ली/ बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक अनुसंधान संगठन (इसरो) के मंगलवार को बताया कि उसके वैज्ञानिकों ने दूरस्थ नियंत्रण प्रणाली से एक और प्रयोग कर चंद्रयान-3 को और अधिक ऊंची कक्षा में पहुंचा दिया है। चंद्रयान अब 127609 किमी x 236 किमी की ऑर्बिट में है। इसका मतलब है कि चंद्रयान ऐसी अंडाकार कक्षा में घूम रहा है, जिसकी पृथ्वी से सबसे कम दूरी 236 किमी और सबसे ज्यादा दूरी 127609 किमी है।

इससे पहले 20 जुलाई को ऑर्बिट 71351 किमी x 233 किमी की गई थी। अब स्पेसक्राफ्ट 31 जुलाई और 1 अगस्त की मध्यरात्रि स्लिंग शॉट के जरिए पृथ्वी की कक्षा छोड़कर चंद्रमा की ओर बढ़ेगा। 5 अगस्त को चंद्रमा की ऑर्बिट में पहुंचेगा। 23 अगस्त को ये चंद्रमा पर लैंड करेगा।

चंद्रयान-3 में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे और 14 दिन तक वहां प्रयोग करेंगे। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स का अध्ययन करेगा। इस मिशन के जरिए इसरो पता लगाएगा कि चांद की सतह पर कैसे भूकंप आते हैं। यह चंद्रमा की मिट्टी का अध्ययन भी करेगा।

इसरो ने एक वक्तव्य में कहा कि ‘चंद्रयान-3 को और ऊंची परिक्रमा-कक्षा में पहुंचाने के प्रयास (पृथ्वी से निकटतम कक्षा से प्रणोतदक-मोटर दाग कर की जाने वाली कार्यवाही) को बेंगलुरु में इसरो उपग्रह दूरमापी, निगरानी एवं नियंत्रण नेटवर्क (आईएसटीआरएसी/इसरो) से सफलतापूर्वक सम्पन्न किया गया।
बयान में कहा गया है कि इस प्रकिया के पूरा होने से अब यह अंतरिक्ष यान 127609 किमी गुणा 236 किमी की कक्षा प्राप्त कर सकता है।

इसरो ने कहा है कि चन्द्रयान-3 की आगे की स्थिति की निगरानी के बाद उसकी नयी कक्षा के बारे में पुष्टि की जाएगी। इसरो की ओर से इस तरह का अगला प्रयास ( ट्रांसलूनर इंजेक्शन) चंद्रयान-3 को धरती की कक्षा से चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कराने के लिए आगामी पहली अगस्त को मध्यरात्रि 12 बजे से एक बजे के बीच किए जाने की योजना है।

गौरतलब है कि तय योजना के अनुसार चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को किया गया था। इस पर स्थापित लैंडर (अवतरण-यंत्र) और उसमें स्थित रोवर (चंद्रमा की सतह पर चल कर खोज करने वाले यंत्र) को 23 अगस्त या उसके एकाध दिन बाद चंद्रमा पर उतारा जा सकता है।

अब तक का चंद्रयान-3 का सफर
0 14 जुलाई को चंद्रयान-3 को 170 km x 36500 km के ऑर्बिट में छोड़ा गया।
0 15 जुलाई को पहली बार ऑर्बिट बढ़ाकर 41762 km x 173 km किया गया।
0 17 जुलाई को दूसरी बार ऑर्बिट बढ़ाकर 41603 km x 226 km किया गया।
0 18 जुलाई को तीसरी बार ऑर्बिट बढ़ाकर 51400 km x 228 km किया गया।
0 20 जुलाई को चौथी बार ऑर्बिट बढ़ाकर 71351 x 233 Km किया गया।
0 25 जुलाई को पांचवी बार ऑर्बिट बढ़ाकर 127609 km x 236 km किया गया।
0 31 जुलाई और 1 अगस्त की मध्यरात्रि पृथ्वी की कक्षा छोड़कर चंद्रमा की ओर बढ़ेगा।

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