बेंगलुरू। भारत का पहला शुक्र मिशन मार्च 2028 में लॉन्च किया जाएगा। केंद्र सरकार ने 19 सितंबर को इस मिशन की मंजूरी दी। यह मिशन चार साल का होगा। वीनस यानी शुक्र ग्रह धरती से करीब 4 करोड़ किमी दूर है।
वॉशिंगटन। अमेरिका की ह्यूस्टन बेस्ड प्राइवेट कंपनी इंट्यूटिव मशीन्स का लैंडर ओडिसियस चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड हो गया है। इसे 15 फरवरी 2024 को लॉन्च किया गया था। भारतीय समय के मुताबिक, 4 बजकर 53 मिनट पर स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग हुई। इसी के साथ ओडिसियस मू
श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को 10 साल तक मौसम की सटीक जानकारी देने वाले सैटेलाइट इनसैट-3डीएस को लॉन्च किया। इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से शाम 5.35 बजे लॉन्च किया गया। सैटेलाइट की लॉन्चिंग जीएसएलवी एमके टू रॉके
श्रीहरिकोटा। एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (एक्सपोसैट) को आज यानी, 1 जनवरी को सुबह 09:10 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया। एक्सपोसैट में ब्लैक होल और न्यूट्रॉन स्टार्स की स्टडी के लिए दो पेलोड पोलिक्स और एक्सपेक्ट लगे हैं। 21 मिनट ब
श्रीहरिकोटा। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) 2025 तक महिलाओं को स्पेस में भेजने की प्लानिंग कर रहा है। एजेंसी चीफ एस. सोमनाथ ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम देश के अंतरिक्ष मानव मिशन में महिला फाइटर जेट पायलट या साइंटिस्ट को भेजना च
रामेश्वरम। चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग कराकर भारत ने इतिहास रचा है। भारत की इस कामयाबी का लोहा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भी माना है। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया कि नासा के वैज्ञानिकों ने भारत से टेक्नोलॉजी मांगी है।
बेंगलुरु। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) भारत के पहले ह्यूमन स्पेस फ्लाइट मिशन 'गगनयान' के क्रू एस्केप सिस्टम की टेस्टिंग करने जा रहा है। यानी मिशन के दौरान कोई परेशानी आती है तो रॉकेट में मौजूद एस्ट्रोनॉट कैसे पृथ्वी पर सुरक्षित रूप से आ सकेंगे इ
बेंगलुरु/श्रीहरिकोटा। चंद्रयान-3 की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कामयाब लैंडिंग के 10वें दिन इसरो ने शनिवार को आदित्य एल1 मिशन लॉन्च कर दिया। आदित्य सूर्य की स्टडी करेगा। इसे सुबह 11.50 बजे पीएसएलवी-सी57 के एक्सएल वर्जन रॉकेट के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स
बेंगलुरु। चंद्रयान-3 की चांद पर लैंडिंग का गुरुवार (31 अगस्त) को आठवां दिन है। लैंडर विक्रम पर लगे रेडियो एनाटॉमी ऑफ मून बाउंड हाइपरसेंसिटिव लोनोस्फियर एंड एटमॉस्फियर-लैंगम्यूर प्रोब ने चांद के साउथ पोल पर प्लाज्मा खोजा है, हालांकि ये कम घना (विरल) है।
बेंगलुरु। चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर ने आज सुबह विक्रम लैंडर की एक तस्वीर क्लिक की। रोवर पर 2 नेविगेशन कैमरे लगे हैं जिससे ये फोटो क्लिक की गई है। इसमें विक्रम लैंडर पर लगा पेलोड 'चास्टे' सतह पर ड्रिलिंग करता दिख रहा है। ये पेलोड सतह और गहराई में तापमान
बेंगलुरु। इसरो सूर्य का अध्ययन करने के लिए 2 सितंबर को सुबह 11:50 बजे अपना सोलर मिशन लॉन्च करने वाला है। इसका नाम आदित्य L1 रखा गया है। ISRO ने सोमवार को यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि आदित्य L1 सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली स्पेस बेस्ड इंडियन लेबो
बेंगलुरु। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर में लगे चास्टे (चास्टे) पेलोड ने चंद्रमा के तापमान से जुड़ा पहला ऑब्जर्वेशन भेजा है। चास्टे यानी चंद्र सरफेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट के मुताबिक चंद्रमा की सतह और अलग-अलग गहराई पर तापमान में काफी अंतर है।