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0 अंतरिक्ष में संदिग्ध गतिविधि भी पता चलेगी
0 एक देश का उपग्रह 1 किमी पास से गुजरा था
नई दिल्ली। अंतरिक्ष में बढ़ते खतरे और दुश्मन देशों की सैटेलाइट गतिविधियों को देखते हुए भारत सरकार अपने उपग्रहों की सुरक्षा मजबूत करने की योजना बना रही है। मोदी सरकार अब ऐसे खास “बॉडीगार्ड सैटेलाइट” बनाने की तैयारी कर रही है, जो अंतरिक्ष में भारतीय सैटेलाइट की सुरक्षा करेंगे और किसी भी संदिग्ध गतिविधि का तुरंत जवाब देंगे।

ब्लूमबर्ग के सूत्रों के अनुसार, इस तैयारी को तेजी तब मिली जब 2024 के बीच एक पड़ोसी देश का सैटेलाइट इसरो के सैटेलाइट के सिर्फ 1 किलोमीटर पास से गुजरा था। रिपोर्ट के मुताबिक यह सैटेलाइट 500-600 किलोमीटर की ऊंचाई पर था और मैपिंग और जमीन की निगरानी जैसे सैन्य काम कर रहा था। हालांकि, दोनों सैटेलाइट्स टक्कर तो नहीं हुई, लेकिन यह घटना जानकारों के अनुसार दूसरे देश की ताकत दिखाने की कोशिश हो सकती है। 
सरकार अब स्टार्टअप्स के साथ मिलकर एलआईडीएआर सैटेलाइट और ग्राउंड-बेस्ड रडार जैसे सिस्टम पर काम कर रही है, जिससे खतरों को समय रहते पहचान कर सैटेलाइट को सुरक्षित पोजिशन पर भेजा जा सके।

एयर मार्शल ने जून में अंतरिक्ष सुरक्षा को लेकर चेतावनी दी थी
एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने जून में सर्विलांस एंड इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स इंडिया सेमिनार चेतावनी दी थी कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी तेजी से अंतरिक्ष क्षमता बढ़ा रही है और यह भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

4 साल में 52 स्पेशल डिफेंस सैटेलाइट लॉन्च किए जाएंगे
सरकार ने तय किया है कि 2029 (अगले 4 साल में) तक 52 स्पेशल डिफेंस सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे, ये सभी सैटेलाइट अंतरिक्ष में भारत की आंख बनेंगे और पाकिस्तान-चीन बॉर्डर पर लगातार नजर रखेंगे। सैटेलाइट्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) बेस्ड होंगे। 36 हजार किमी. ऊंचाई पर ये आपस में कम्युनिकेट कर सकेंगे। इससे पृथ्वी तक सिग्नल भेजने, मैसेज-तस्वीरें भेजने में आसानी होगी। यह पूरा अभियान रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी के तहत चलाया जा रहा है और इसके लिए सरकार ने स्पेस-बेस्ड सर्विलांस फेज-3’ (एसबीएस-3) योजना बनाई है। इसके लिए 26,968 करोड़ का बजट है। इसे अक्टूबर 2024 में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने मंजूरी दी थी।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद योजना को लागू करने में तेजी
7 से 10 मई 2025 के बीच ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ भारी सैन्य कार्रवाई की थी। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान देशी सैटेलाइट्स और कुछ विदेशी कॉमर्शियल डेटा का इस्तेमाल किया गया, लेकिन रियल टाइम ट्रैकिंग में कई खामियां उजागर हुईं। एक अधिकारी ने बताया कि हमें अपने फैसलों की गति तेज करनी होगी। जितना जल्दी हम 52 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में स्थापित करेंगे, हमारी सुरक्षा उतनी ही मजबूत होगी।