0 यह ब्लैक होल्स-न्यूट्रॉन स्टार्स की स्टडी करेगा
श्रीहरिकोटा। एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (एक्सपोसैट) को आज यानी, 1 जनवरी को सुबह 09:10 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया। एक्सपोसैट में ब्लैक होल और न्यूट्रॉन स्टार्स की स्टडी के लिए दो पेलोड पोलिक्स और एक्सपेक्ट लगे हैं। 21 मिनट बाद इन्हें पृथ्वी की 650 किमी ऊपर की कक्षा में स्थापित किया गया।
इसके अलावा स्पेस टेक स्टार्टअप ध्रुव स्पेस, बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस, टीएम2स्पेस के पेलोड भी पीएसएलवी रॉकेट के साथ भेजे गए हैं। कुल 10 पेलोड इस रॉकेट के साथ भेजे गए हैं। यह भारत का पहला और 2021 में लॉन्च नासा के इमेजिंग एक्स-रे पोलरिमेट्री एक्सप्लोरर (आईएक्सपीई) के बाद दुनिया का दूसरा पोलरिमेट्री मिशन भी है।
चौथी स्टेज को 350 किमी की कक्षा में लाया गया
सैटेलाइट को 650 किमी की कक्षा में स्थापित करने के बाद पावर जनरेट करने के लिए इसके सोलर पैनल खोले गए। वहीं रॉकेट की चौथी स्टेज को पृथ्वी की 350 किमी की कक्षा में लाया गया। ये पीएसएलवी ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंट मॉड्यूल के रूप में इस्तेमाल होगा।
कचरा न हो इसलिए चौथी स्टेज को नीचे लाए
इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ ने बताया कि रॉकेट की चौथी स्टेज को एक्सपेरिमेंट के लिए 650 किमी ऊपर रखा जा सकता था, लेकिन इससे स्पेस में डेब्री (कचरा) क्रिएट होती। इसी कारण हम चौथी स्टेज को 350 किमी की ऑर्बिट में लेकर आए, ताकि यह एक्सपेरिमेंट के बाद नष्ट हो जाए। वहीं उन्होंने इस साल के मिशन्स को लेकर कहा कि 2024 का साल गगनयान का होगा। इस साल गगनयान मिशन की 2 टेस्ट फ्लाइट होगी, जिसके बाद अनमैन्ड मिशन प्लान किया गया है। इसके अलावा कई सारे अन्य मिशन है। इसरो के लिए ये साल काफी हेक्टिक होने वाला है।
मोदी ने दी बधाई, कहा-नए साल की शानदार शुरुआत
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा एक्सपीओसैट उपग्रह के सफल प्रक्षेपण पर प्रसन्नता व्यक्त की और वैज्ञानिकों की शुभकामनाएं दी। श्री मोदी ने भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए इसरो वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया कि वर्ष 2024 की शानदार शुरुआत के लिए हमारे वैज्ञानिकों को धन्यवाद। यह प्रक्षेपण अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए अद्भुत खबर है और इस क्षेत्र में भारत के कौशल को बढ़ाएगा। भारत को अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए इसरो के हमारे वैज्ञानिकों और पूरी अंतरिक्ष समुदाय को शुभकामनाएं।