Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 सीसीएम देवजी के 9 गार्ड सहित 31 माओवादी भी गिरफ्तार
0 76 सीआरपीएफ जवानों की हत्या का मास्टरमाइंड रहा है हिड़मा

जगदलपुर/सुकमा। छत्तीसगढ़-आंध्रप्रदेश सीमा के अल्लूरी सीताराम राजू (एएसआर) जिले के मारेदुमिल्ली इलाके में मंगलवार को स्पेशल ग्रेहाउंड फोर्स के साथ हुई बड़ी नक्सली मुठभेड़ में नक्सल संगठन को तगड़ा झटका लगा है। सुरक्षा बलों ने इस एनकाउंटर में कुख्यात कमांडर माडवी हिडमा, उसकी पत्नी राजे, सब जोनल कमेटी मेंबर टेक शंकर समेत कुल 6 नक्सलियों को ढेर किया है। इस बीच आंध्रप्रदेश पुलिस को नक्सल मोर्चे पर एक और बड़ी कामयाबी मिली है। लगातार की जा रही निगरानी और इंटेलिजेंस इनपुट्स के आधार पर फोर्स ने 31 माओवादियों को गिरफ्तार किया है। इनमें 9 माओवादी केंद्रीय समिति सदस्य देवजी के सुरक्षा गार्ड हैं, जबकि बाकी 22 अन्य पीएलजीए और साउथ बस्तर जोनल कमेटी से जुड़े सदस्य हैं।

इंटेलिजेंस एडिशनल डीजीपी महेश चंद्र ने बताया कि हम लगातार इस पूरे मामले पर कड़ी निगरानी बनाए हुए हैं। विजयवाड़ा, एनटीआर जिला, कृष्णा जिला, काकीनाडा, एलुरु और आसपास के क्षेत्रों में अब तक 31 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 9 लोग केंद्रीय समिति सदस्य देवजी के सुरक्षा गार्ड हैं। बाकी आरोपी पीएलजीए बटालियन और साउथ बस्तर जोनल कमेटी से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि ये सभी लोग आंध्र प्रदेश में फिर से नक्सल मूवमेंट को सक्रिय करने और वहां शरण लेने की कोशिश कर रहे थे। इसलिए उन पर लगातार नजर रखी जा रही थी और सही अवसर का इंतजार था। डीजीपी महेश चंद्र ने कहा कि आज की कार्रवाई उसी निरंतर निगरानी का परिणाम है। कई नक्सली मुठभेड़ स्थल से फरार भी हुए हैं। कॉम्बिंग ऑपरेशन अभी भी जारी है, और उम्मीद है कि बाकी नक्सलियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

एर्राबोर थाना क्षेत्र में भी मुठभेड़ हुई
इधर छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के एर्राबोर थाना क्षेत्र में भी एक दूसरी मुठभेड़ हुई है, इसमें नक्सलियों के घायल होने की खबर है। दोनों जगहों पर सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन जारी है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ऑपरेशन टीम से फोन पर बात कर उन्हें बधाई दी है।

डेडलाइन से 12 दिन पहले ही मार गिराया
एजेंसी रिपोर्ट के मुताबिक, गृहमंत्री अमित शाह ने सुरक्षाबलों को हिड़मा को खत्म करने के लिए 30 नवंबर तक की डेडलाइन दी थी। इसके बाद आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित मरेडमिल्ली के घने जंगलों में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था। इसी ऑपरेशन में हिड़मा डेडलाइन से 12 दिन पहले ही मार गिराया गया है। 

हिड़मा 26 से ज्यादा बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड रहा है
हिड़मा पिछले 2 दशक में हुए 26 से ज्यादा बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड रहा है। इसमें 2010 दंतेवाड़ा हमला भी शामिल है, जिसमें 76 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे। इसके अलावा 2013 में झीरम घाटी हमले, 2021 सुकमा-बीजापुर हमले में भी हिड़मा की भूमिका रही है।

पीएलजीए की बटालियन का कमांडर था हिड़मा
हिड़मा का जन्म1981 में छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में हुआ था। वह पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) की एक बटालियन का कमांडर और माओवादी सेंट्रल कमेटी का सदस्य था। वह बस्तर क्षेत्र से इस शीर्ष नेतृत्व में शामिल होने वाला इकलौता आदिवासी माना जाता था।

हिड़मा दंतेवाड़ा में 76 जवानों की हत्या का मास्टरमाइंड था
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 2010 में 76 जवानों की हत्या हुई थी। यह नक्सल इतिहास का सबसे बड़ा हमला था। उस हमले का मास्टरमाइंड हिड़मा ही था। इसमें बसवाराजू भी शामिल रहा, जो एनकाउंटर में पहले ही मारा जा चुका है। बसवाराजू हमले के लिए बनी रणनीति की मीटिंग में शामिल हुआ था। हमले की साजिश रची थी।

इसी साल मई में कुख्यात नक्सली बसवाराजू भी ढेर हुआ था
19 मई को अबूझमाड़ के कुडमेल- कलहाजा जाटलूर इलाके में बसवाराजू मारा गया था। यहां दंतेवाड़ा-बीजापुर और नारायणपुर से डीआरजी के जवानों ने 27 नक्सलियों को ढेर किया था। इसके बाद से नक्सलियों को बड़ा झटका लगा था।

बस्तर में एक काला अध्याय हुआ समाप्तः आईजी सुंदरराज  
0 इधर सुकमा में लोगों ने आतिशबाजी कर मनाया जश्न 
सुकमा। आखिरकार माओवादी केंद्रीय समिति सदस्य हिडमा के आंध्र प्रदेश में मारे जाने की पुष्टि बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी ने कर दी है। इधर हिडमा के मारे जाने पर उसके गृह जिला सुकमा में लोगों ने आतिशबाजी कर जश्न मनाया। बस्तर पुलिस रेंज आईजी सुंदरराज पी ने हिडमा के मारे जाने की पुष्टि करते हुए मीडिया से कहा कि बस्तर में माओवाद का एक काला अध्याय समाप्त हुआ। छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र में फोर्स को बड़ी कामयाबी मिली है। नक्सलियों के टॉप कमांडर हिडमा की मौत की खबर से सुकमा में बस स्टैंड के पास जमकर आतिशबाजी की गई। नक्सल विरोधी फारुख अली की अगुवाई में आतिशबाजी की गई।

नवंबर में ही दो मुठभेड़ में 9 नक्सली मारे जा चुके हैं
16 नवंबर को 3 नक्सली मारे गए 
दरअसल, जवानों को 16 नवंबर 2025 को भेज्जी-चिंतागुफा के सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। पुख्ता सूचना मिलने पर डीआरजी की टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इसी दौरान रविवार सुबह तुमालपाड़ के जंगल में नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग के बाद जवानों ने भी मोर्चा संभाला। नक्सलियों की गोलियों का जवाब दिया। सुबह से दोनों ओर से रुक-रुककर फायरिंग हुई। इसमें तीन नक्सली मारे गए। जवानों ने सर्चिंग के दौरान जंगल से तीनों नक्सलियों के शव बरामद किए गए थे।

11 नवंबर को 6 नक्सली मारे गए
बीजापुर जिले के नेशनल पार्क एरिया में 11 नवंबर को हुए मुठभेड़ में 3 महिला समेत 6 नक्सली मारे गए थे। जिसमें मद्देड़ एरिया कमेटी का इंचार्ज बुच्चन्ना और दूसरे शीर्ष नक्सल लीडर पापाराव की पत्नी उर्मिला भी शामिल है। लेकिन पापाराव इस बार भी जान बचाकर भागने में कामयाब रहा।

tranding
tranding