0 8 बहुमंजिला इमारतें जलीं
0 ठेकेदार समेत 3 गिरफ्तार, 900 लोग शेल्टर में पहुंचे
हांगकांग। हांगकांग के 'ताई पो' जिले में बुधवार को एक बड़े रिहायशी कॉम्प्लेक्स में आग लग गई। यह 77 साल में लगी सबसे भीषण आग बताई जा रही है। इस हादसे में अब तक 65 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 76 गंभीर रूप से घायल हैं। वहीं, 280 लापता हैं। ये कॉम्प्लेक्स आठ इमारतों का था, जिनमें हर इमारत 35 मंजिलों की थी। इसमें करीब दो हजार अपार्टमेंट थे।
आग इतनी तेज थी कि 24 घंटे बाद भी 8 में से सिर्फ 5 इमारतों पर काबू पा लिया गया, 3 इमारतों की ऊपरी मंजिलों में आग अभी भी जल रही है। आग लगने के बाद करीब 900 लोग अपने घर छोड़कर अस्थायी शेल्टरों में पहुंच गए हैं।
जांच में पता चला कि लिफ्ट की खिड़कियों को ढकने के लिए इस्तेमाल किया गया स्टायरोफॉम में आग तेजी से फैली। इसी वजह से आग इतनी तेजी से फैल गई। मामले में पुलिस ने ठेकेदार समेत तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
हॉन्गकॉन्ग के 'ताई पो' जिले में बुधवार को एक बड़े रिहायशी कॉम्प्लेक्स में आग लग गई। यह 77 साल में लगी सबसे भीषण आग बताई जा रही है। आग इतनी तेज थी कि 24 घंटे बाद भी 8 में से सिर्फ 5 इमारतों पर काबू पा लिया गया, 3 इमारतों की ऊपरी मंजिलों में आग अभी भी जल रही है। इस हादसे में अब तक 65 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 76 गंभीर रूप से घायल हैं। वहीं, 280 लापता हैं। ये कॉम्प्लेक्स आठ इमारतों का था, जिनमें हर इमारत 35 मंजिलों की थी। इसमें करीब दो हजार अपार्टमेंट थे।
एक्सपर्ट्स बोले- आग के पीछे बांस के अलावा कई वजहें
हांगकांग के ताइपो इलाके में वांग फुक कोर्ट नाम की 40 साल पुरानी इमारत में लगी आग के पीछे मरम्मत के लिए लगी बांस को वजह बताया जा रहा है। हालांकि, एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बांस की स्कैफोल्डिंग आग की इकलौती वजह नहीं थी। असल में प्लास्टिक की जाली (नेट), फायर-रिटार्डेंट न होने वाली शीट और खिड़कियों में इस्तेमाल होने वाला स्टायरोफॉम के कारण आग तेजी से फैली। चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हॉकिंग की आर्किटेक्ट रफाएला एंड्रिजी ने कहा कि बांस में प्राकृतिक नमी होती है, इसलिए वह आसानी से नहीं जलता। अगर बांस सूखा भी हो तो भी प्लास्टिक की जाली और दूसरे सिंथेटिक चीजों की तुलना में बहुत धीरे जलता है। ताइपो की आग में ज्यादातर नेट और इंजीनियरिंग सामग्री ही जिम्मेदार लग रही है।
हॉन्गकॉन्ग चीफ सेक्रेटरी बोले- बांस की जगह स्टील का इस्तेमाल करें
वहीं, बांस स्कैफोल्डिंग एसोसिएशन के सदस्य टिम्मी सो ने कहा,“जली हुई तस्वीरों में भी बांस अभी पीला दिख रहा है, यानी वह पूरी तरह नहीं जला। आग नेट और स्टायरोफॉम से फैली। वहीं, आग की घटना के बाद हॉन्गकॉन्ग चीफ सेक्रेटरी एरिक चैन ने निर्माण में बांस की जगह स्टील स्कैफोल्डिंग पर पूरी तरह स्विच करने की बात कही। उन्होंने कहा, “बांस लचीला जरूर है, लेकिन आग से बचाव में स्टील बेहतर है।
इससे पहले हॉन्गकॉन्ग सरकार मार्च 2025 में नया नियम लाई थी, जिसके मुताबिक सभी सरकारी ठेकों में 50% काम स्टील स्कैफोल्डिंग से करना अनिवार्य होगा। जांच में पता चला कि लिफ्ट की खिड़कियों को ढकने के लिए इस्तेमाल किया गया स्टायरोफॉम में आग तेजी से फैली। इसी वजह से आग इतनी तेजी से फैल गई। मामले में पुलिस ने ठेकेदार समेत तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
एक इमारत से दूसरी इमारत तक फैली आग
तेज हवा और जलते हुए मलबे की वजह से लपटें एक इमारत से दूसरी इमारत तक फैलती चली गईं। जब आग भड़की, तो कई लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगी क्योंकि मरम्मत की वजह से खिड़कियां बंद थीं। आग बुझाने पहुंची टीम को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई मंजिलों पर तापमान इतना ज्यादा था कि फायर फाइटर्स उन जगहों तक पहुंच भी नहीं पा रहे थे। इसी दौरान एक फायर फाइटर की मौत भी हो गई।