0 इसका मकसद-जिनपिंग की पार्टी के प्रति वफादारी पैदा करना
बीजिंग। चीन देशभक्ति शिक्षा को बढ़ावा दे रहा है। इसके लिए सरकार ने देशभक्ति शिक्षा कानून पारित किया है। इस कानून का उद्देश्य जीवन के सभी पहलुओं में चीनी युवाओं के बीच राष्ट्रीय एकता, देशभक्ति और कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति वफादारी पैदा करना है।
चीनी सरकारी मीडिया शिन्हुआ के मुताबिक ये कानून स्कूल, कॉलेज में देशभक्ति से जुड़ी बातें पढ़ाने को लीगल गारंटी देता है। इसमें ये भी कहा गया कि कुछ लोग देशभक्ति भूल रहे हैं, उन्हें इसके प्रति जगरूक करने की जरूरत है। ये कानून 1 जनवरी 2024 से लागू होगा।
चीन को दुनिया से जोड़ेगा ये कानून
सरकार का कहना है कि हिस्टॉरिकल नाइलीज्म (ऐतिहासिक शून्यवाद) जैसी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए इस कानून की जरूरत थी। चीन में जब लोगों का भरोसा कम्युनिस्ट पार्टी से उठने लगे या पार्टी की काबिलियत पर शक होने लगे तो इसे हिस्टोरिकल नाइलीज्म कहा जाता है। सरकार ने कहा कि कानून देशभक्ति को बढ़ावा देने के साथ तर्कसंगत, समावेशी और खुले विचारों वाला है। ये देश को दुनिया से जोड़ने और अन्य सभ्यताओं को अपनाने की आवश्यकता पर जोर देता है। कानून के मुताबिक देशभक्ति शिक्षा अन्य देशों के इतिहास और सांस्कृतिक परंपराओं का सम्मान करती है और मानव सभ्यता की सभी उपलब्धियों से प्रेरित है।
विदेशों में भी अपनी सरकार का प्रचार कर रहा चीन
दिसंबर 2022 में चोसन मीडिया ग्रुप ने साउथ कोरिया में एक ऐसे रेस्टोरेंट का खुलासा किया था, जहां जिनपिंग की आइडियोलॉजी का प्रचार किया जाता था। ये चीनी रेस्टोरेंट 2017 से राजधानी सियोल में चल रहा था। चोसन के मुताबिक, रेस्टोरेंट की आड़ में चीन देश में शी जिनपिंग और उनकी सरकार का प्रचार करने का काम कर रहा था। रेस्टोरेंट के अंदर जिनपिंग की आइडियोलॉजी से जुड़ी कई किताबें भी मौजूद थीं।