0 डीजीसीए ने जारी की रिवाइज्ड गाइडलाइन
नई दिल्ली। पायलट और क्रू मेंबर्स माउथवॉश, टूथ जेल या किसी ऐसी चीज का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे, जिसमें अल्कोहल हो। डीजीसीए ने इसके लिए रिवाइज्ड गाइडलाइन जारी की हैं। इसके तहत ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट जरूरी कर दिया गया है।
डीजीसीए का कहना है कि नॉर्म्स में बदलाव एयरक्राफ्ट ऑपरेशन को ज्यादा सुरक्षित बनाने के इरादे से किए गए हैं। एविएशन इंडस्ट्री से मिले सुझाव के आधार पर 30 अक्टूबर को सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स (सीएआर) के नियमों में बदलाव हुआ है।
यूज से पहले डॉक्टर से एडवाइस लेना होगा
शराब के सेवन के लिए भी विमान कर्मियों के मेडिकल टेस्ट की प्रोसेस से संबंधित कई नियम बदले गए हैं। अब कोई भी क्रू मेंबर अल्कोहल वाले प्रोडक्ट्स यूज नहीं करेगा। इसके लिए उन्हें फ्लाइट से पहले कंपनी के डॉक्टर से सलाह लेनी होगी। डीजीसीए के मुताबिक, फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी वाले ब्रेथ एनालाइजर का यूज अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही एजेंसियों की निगरानी और निरीक्षण की एक प्रक्रिया शुरू की गई है। पैसेंजर के रूप में ट्रैवल कर रहे ऑपरेटिंग क्रू मेंबर के लिए भी बोर्डिंग एयरपोर्ट पर ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट कराना जरूरी होगा।
इसके अलावा तीर्थयात्रा संचालन और नॉन शिड्यूल्ड ऑपरेशन में लगे ऑपरेटरों के लिए ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट की कैमरा रिकॉर्डिंग जरूरी कर दी गई है। राज्य सरकारों को बेस स्टेशनों पर जरूरी सुविधाएं जुटाने के निर्देश दिए गए हैं।
अगर किसी क्रू मेंबर या पायलट को एयरपोर्ट पहुंचने के बाद लगता है कि वह बीमारी की वजह से अपनी ड्यूटी सुरक्षित रूप से पूरा नही कर सकता है तो उसे अपनी कंपनी को सूचित करना होगा। ऐसी स्थिति में ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट नहीं किया जाएगा, और उसे टेस्ट से छूटा हुआ नहीं माना जाएगा। उसे उस दिन ड्यूटी के लिए रोस्टर में शामिल नहीं किया जाएगा। आगे रोस्टर में शामिल करने के बारे में कंपनी तय करेगी।
ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में पॉजिटिव मिलने पर कड़ी सजा
भारत के बाहर से आने वाली सभी फ्लाइट्स के क्रू और केबिन क्रू का यहां आने के बाद ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट किया जाएगा। इसमें पॉजिटिव पाए जाने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह बार-बार टेस्ट में फेल होता है या नहीं।