मुंबई। रश्मिका मंदाना ने हाल ही में अपना डीपफेक वीडियो वायरल होने पर रिएक्शन दिया है। रश्मिका हैदराबाद में हुए अपकमिंग फिल्म एनिमल के प्रमोशनल इवेंट में पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने डीपफेक पर बात करते हुए लड़कियों को इसके लिए सचेत किया है। उनका मानना है कि इस तरह के मामले होना आम बात नहीं है और हर किसी को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
रश्मिका मंदाना फिल्म एनिमल को-स्टार्स रणबीर कपूर, बॉबी देओल और अनिल कपूर समेत पूरी टीम के साथ हैदराबाद में फिल्म प्रमोट करने पहुंची थीं। हैदराबाद में हुए इवेंट के दौरान रश्मिका से उनके डीपफेक वीडियो पर सवाल किए गए थे। इस पर उन्होंने कहा, साउथ इंडस्ट्री से लेकर नॉर्थ इंडस्ट्री तक कई लोग मेरे सपोर्ट में सामने आए। इससे मुझे एहसास हुआ कि इसे (डीपफेक वीडियो वायरल होने को) सामान्य रूप से लेने की जरुरत नहीं है। लोगों के सपोर्ट से मुझे बहुत सुरक्षित और सिक्योर महसूस हो रहा है। तो मैं हर एक लड़की से ये कहना चाहती हूं कि ये नॉर्मल नहीं है। जब कुछ आपको बहुत इफेक्ट करता है तो आपको चुप रहने की जरुरत नहीं है। जब आप अपने लिए खड़े होते हैं तो लोग भी आपको सपोर्ट करते हैं। जहां हम रहते हैं वो एक बेहतरीन देश है।
रश्मिका से पूछा गया कि सोशल मीडिया पर होने वाली ट्रोलिंग को उन्होंने कैसे हैंडल किया तो एक्ट्रेस ने कहा, मुझे लगता है कि मुझे बहुत सपोर्ट मिला है। मेरा मानना है कि किसी भी एक्टर, क्रिकेटर या पब्लिक पर्सनालिटी पर निर्भर करता है कि वो ट्रोलिंग और मीम कौ कैसे हैंडल करता है।
बोल्ड वीडियो वायरल होने पर रश्मिका ने जाहिर की थी नाराजगी
नवंबर की शुरुआत में रश्मिका का एक डीपफेक वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में रश्मिका के चेहरे को एआई टूल के जरिए मॉर्फिंग कर इन्फ्लूएंसर जारा पटेल की बॉडी में लगाया गया था। वीडियो इतनी सफाई से डीपफेक बनाया गया था कि देखने में हर कोई धोखा खा गया। वीडियो वायरल होने के बाद रश्मिका ने नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा था कि मेरा एक डीपफेक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है, जिसके बारे में बात करते हुए मुझे बेहद दुख हो रहा है। ईमानदारी से कहूं तो ये सिर्फ मेरे लिए ही नहीं, बल्कि हममें से हर एक के लिए बेहद डरावना है, जो इस टेक्नोलॉजी के मिस यूज की वजह से खतरे में आ गए हैं। आज एक महिला और एक एक्ट्रेस के तौर पर मैं अपने परिवार, दोस्तों और शुभचिंतकों की आभारी हूं, जो मेरे लिए प्रोटेक्शन और सपोर्ट सिस्टम हैं। अगर मेरे साथ ऐसा तब होता जब मैं स्कूल या कॉलेज में थी, तो मैं सचमुच सोच भी नहीं सकती कि मैं इस सिचुएशन से खुद को कैसे बाहर निकाल पाती। हमें एक समाज के रूप में तत्काल अपनी पहचान के साथ हो रहे खिलवाड़ के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए, इससे पहले कि और भी लोग इसके शिकार हो जाएं।