0 4.5 फीट की प्रतिमा, इस पर विष्णु के 10 अवतार, ॐ, स्वास्तिक, शंख-चक्र भी मौजूद
0 राम मंदिर विवाद का फैसला सुनाने वाले पांचों जज को निमंत्रण भेजा गया
अयोध्या। अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा से 3 दिन पहले रामलला की प्रतिमा की पहली पूरी तस्वीर सामने आई। काले पत्थर से बनी मूर्ति में भगवान का विहंगम स्वरूप दिखाई दे रहा है। हालांकि, कपड़े से उनकी आंखें ढंंकी हैं। शुक्रवार शाम से अस्थाई मंदिर में रामलला के दर्शन बंद हो जाएंगे। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद नए मंदिर में 23 जनवरी से श्रद्धालुओं को दर्शन मिलेंगे।
इससे पहले गुरुवार को रामलला की मूर्ति को गर्भगृह में बने आसन पर रख दिया गया था। कारीगरों ने मूर्ति को आसन पर खड़ा किया। इस प्रोसेस में 4 घंटे लगे।
बताया गया है कि अब मूर्ति को गंध वास के लिए सुगंधित जल में रखा जाएगा। फिर अनाज, फल और घी में भी रखा जाएगा। आज श्रीरामलला का वैदिक मंत्रों के साथ औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास कराया गया। फिर आरणी मंथन से कुंड में अग्नि प्रकट की गई। श्रीरामलला 20 जनवरी को वास्तु शांति के बाद सिंहासन पर विराजेंगे।
इस बीच, जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि गर्भगृह में नई प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा में कोई दिक्कत नहीं है। ऐसा लोगों के दर्शन के लिए किया गया है। आज शाम 7 बजे से अस्थाई राम मंदिर में दर्शन बंद हो जाएंगे।
19 जनवरी को वर्कशॉप की तस्वीर सामने आईं
रामलला को गुरुवार को गर्भगृह में आसन पर स्थापित होने के बाद वर्कशाप की तस्वीरें वायरल हुईं। इसमें रामलला बाएं हाथ से धनुष पकड़ेंगे। अभी उनके बाएं हाथ को धनुष-बाण पकड़ने की मुद्रा में दिखाया गया है। प्रतिमा पर अभी धनुष-बाण नहीं लगाया गया है। भगवान के सिर पर सोने का मुकुट पहनाया जाएगा। प्राण-प्रतिष्ठा से जुड़े अनुष्ठान चौथे दिन भी जारी हैं।
कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है प्रतिमा
रामलला की प्रतिमा तैयार करने वाले 37 साल के अरुण योगीराज कर्नाटक के रहने वाले हैं। वो मैसूर महल के कलाकारों के परिवार से आते हैं। उन्होंने 2008 में मैसूर विश्वविद्यालय से एमबीए किया। फिर एक निजी कंपनी के लिए काम किया। इसके बाद उन्होंने प्रतिमा बनाने का काम शुरू किया। उन्हें बचपन से प्रतिमाएं बनाने का शौक था। अरुण योगीराज ने ही जगदगुरु शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा का निर्माण किया था, जिसे केदारनाथ में स्थापित किया गया है। इंडिया गेट पर 2022 में स्थापित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी अरुण ने ही बनाई है। पीएम मोदी भी उनके काम की तारीफ कर चुके हैं।
रामलला की 3 प्रतिमाएं बनवाई गई थीं
अयोध्या के राम मंदिर के गर्भगृह के लिए रामलला की 3 प्रतिमाएं बनवाई गई थीं। तीनों की लंबाई 51-51 इंच है। तीनों प्रतिमाओं में कमल आसन पर विराजमान रामलला के 5 साल के बाल स्वरूप को दर्शाया गया है। एक प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित कर दी गई है। बाकी की दो प्रतिमाएं राम मंदिर के अलग-अलग फ्लोर पर स्थापित होंगी।
दो प्रतिमाएं काले पत्थर और एक संगमरमर की है
दो प्रतिमाएं दक्षिण के कलाकारों (गणेश भट्ट और अरुण योगीराज) ने बनाईं, जबकि एक राजस्थान के सत्यनारायण पांडेय ने बनाई है। दक्षिण की मूर्तियां काले पत्थर की हैं। सत्यनारायण पांडेय की बनाई प्रतिमा संगमरमर की है।