नई दिल्ली। शराब नीति से संबंधित कथित धनशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बार-बार समन पर उसके समक्ष पूछताछ के लिए पेश नहीं होने के आरोपी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शनिवार को दिल्ली की एक अदालत में पेश हुए जहां, उन्हें सशर्त जमानत मिल गई।
राउज एवेन्यू स्थित अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) दिव्या मल्होत्रा की अदालत ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद श्री केजरीवाल को 15,000 रुपये के जमानत बाँड या इतनी ही रुपए की जमानत राशि जमा करने की शर्त पर जमानत अर्जी मंजूर की।
ईडी की ओर से अदालत के समक्ष पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने आरोप लगाया कि श्री केजरीवाल जानबूझकर पूछताछ के लिए देरी कर रहे हैं।
अदालत के समक्ष श्री केजरीवाल का पक्ष वरिष्ठ वकील रमेश गुप्ता और वकील राजीव मोहन पेश किया।
ईडी ने अदालत से शिकायत करते हुए कहा था कि धनशोधन अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कई बार समन भेजने के बाद भी श्री केजरीवाल पूछताछ के लिए उसके समक्ष पेश नहीं हुए।
इससे पहले श्री केजरीवाल 17 फरवरी को वर्चुअल माध्यम से एसीएमएम की अदालत में पेश हुए थे। उस दिन उन्होंने कहा था कि वह 16 मार्च को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होंगे, लेकिन इसके दो दिन पहले ही उन्होंने एसीएमएम की अदालत में पेशी के उसके आदेश को सत्र अदालत चुनौती दे दी थी। सत्र अदालत ने शुक्रवार को श्री केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद वह शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच एसीएमएम की अदालत में पेश हुए।
अदालत सीआरपीसी की धारा 207 के तहत दस्तावेजों की आपूर्ति करने की श्री केजरीवाल के आवेदन पर एक अप्रैल को सुनवाई करेगी।
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