0 विवेक सहाय को कमान, एक से ज्यादा पदों पर थे
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की घोषणा के दो दिन बाद सोमवार को पश्चिम बंगाल के डीजीपी समेत 7 राज्यों के गृह सचिव को हटा दिया। 6 राज्यों के गृह सचिवों में गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के अफसरों का नाम शामिल है। विवेक सहाय को पश्चिम बंगाल का नया डीजीपी बनाया गया है।
आयोग ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) कमिश्नर इकबाल सिंह चहल और मिजोरम के एक आईएएस अफसर को भी हटाने को कहा है। महाराष्ट्र सरकार ने एक दिन पहले चुनाव आयोग से बीएमसी कमिश्नर को तबादले से छूट देने की अपील की थी। हालांकि, चुनाव आयोग ने ये अपील खारिज कर दी।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की अध्यक्षता में चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू की सोमवार दोपहर में बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। जिन अधिकारियों को हटाया गया है, उनके पास संबंधित राज्यों में मुख्यमंत्री कार्यालय में दोहरे प्रभार थे।
प. बंगाल के डीजीपी चुनाव से ठीक पहले पद से हटाया गया
2016 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले विपक्ष ने डीजीपी राजीव कुमार पर फोन टैपिंग का आरोप लगाया था। उस वक्त भी चुनाव आयोग ने पद से हटाया था। फरवरी 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले सारदा चिट फंड घोटाले के आरोप में सीबीआई ने कुमार के घर बिना सर्च वारंट रेड डाली थी। जिस पर ममता ने 70 घंटे धरना दिया था। लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले एक बार फिर राजीव कुमार अपने पद से हटाए गए। इस बार शाहजहां शेख की हाई कोर्ट के दबाव के बाद देरी से हुई गिरफ्तारी और सीबीआई को उसे सौंपने में अड़ियल रवैया वजह बना है।
पहले थे कोलकाता के सीपी
यूपी कैडर के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार पश्चिम बंगाल के डीजीपी बनने से पहले कोलकाता के पुलिस आयुक्त थे। वे पूर्व में इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग में प्रिंसिपल सेक्रेटरी भी काम रह चुके हैं।
यूपी के रहने वाले हैं राजीव कुमार
राजीव कुमार ने आईआईटी रुड़की से इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। वे प. बंगाल की स्पेशल टास्क फोर्स और सीआईडी में भी रह चुके हैं। राजीव कुमार उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। आईपीएस राजीव कुमार पूर्व में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के भी काफी पसंदीदा अधिकारियों में शामिल रह चुके हैं। पश्चिम बंगाल में ऐसी चर्चा होती आई वे अपनी जांच के तौर तरीकों और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के महारत के चलते मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नजरों में आए थे।
टीएमसी ने कहा-भाजपा ने केंद्रीय एजेंसियों का कंट्रोल अपने हाथ में लिया
टीएमसी नेता कुणाल घोष ने डीजीपी को हटाए जाने की कार्रवाई को गलत बताया। उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि भाजपा चुनाव आयोग समेत कई संगठनों को हथियाने की पूरी कोशिश कर रही है। उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया है। लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद आज जो हुआ वह भाजपा का आईना है। भाजपा चुनाव आयोग के कामकाज को हथियाने और उन पर नजर रखने की पूरी कोशिश कर रही है।