नई दिल्ली। गोला बारूद, टारपीडो तथा मिसाइलों को समुद्र में एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने - ले जाने में सक्षम तीसरी बार्ज नौका एलएसएएम-18 गुरुवार को नौसेना के बेडे में शामिल हो गयी।
नौसेना ने शुक्रवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा कि इस बार्ज नौका को ठाणे के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम शिपयार्ड, मेसर्स सूर्यदिप्ता प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने बनाया है।
रक्षा मंत्रालय ने इन नौकाओं के निर्माण के लिए मेसर्स सूर्यदीप्ता प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ पांच मार्च 2021 में एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। इन नौकाओं के भारतीय नौसेना में शामिल होने से नौसेना की संचालन क्षमता को बढाने एवं अभियानों को पूरा करने में तेजी आयेगी। इन नौकाओं से बांधों , घाटों और बाहरी बंदरगाह पर भारतीय नौसेना के जहाजों के लिए सामान, गोला-बारूद के परिवहन, लदान तथा चढ़ाने-उतारने की सुविधा मिलेगी।
ये छोटे जहाज नौसेना नियमों और भारतीय शिपिंग रजिस्टर के विनियमन के तहत स्वदेशी रूप से तैयार तथा निर्मित किए गए हैं। डिजाइन चरण के दौरान बार्ज नौकाओं का मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला में किया गया था। ये बार्ज नौकाएं भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल की गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।