0 होलसेलर्स के लिए स्टॉक सीमा 3,000 टन तय
0 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगा आदेश
नई दिल्ली। जमाखोरी रोकने और प्राइस को स्टेबल रखने के लिए के लिए आज यानी, 24 जून को केंद्र सरकार ने गेहूं पर स्टॉक होल्डिंग लिमिट लगा दी है। ये लिमिट सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ट्रेडर्स/होलसेलर, रिटेलर्स, बिग चेन रिटेलर्स और प्रोसेसर्स पर लागू होगी। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए यह आदेश 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगा।
केंद्रीय फूड सेक्रेटरी संजीव चोपड़ा ने कहा कि सिंगल रिटेलर्स, बिग-चेन रिटेलर्स, प्रोसेसर और होलसेलर हर शुक्रवार को गेहूं के स्टॉक की जानकारी देंगे। चोपड़ा ने कहा कि मैं देश में गेहूं की कमी को दूर करना चाहता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल गेहूं के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं है और चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध की समीक्षा का भी कोई प्रस्ताव नहीं है।
आटे की कीमत 34.29 रुपए से बढ़कर 36.13 रुपए हुई
आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल की तुलना में गेहूं और आटे की कीमतें 2 रुपए प्रति किलोग्राम तक बढ़ गई हैं। 20 जून तक गेहूं की औसत खुदरा कीमत 30.99 रुपए प्रति किलोग्राम थी, जो एक साल पहले 28.95 रुपए थी। गेहूं के आटे की कीमतें भी पिछले साल के 34.29 रुपए प्रति किलोग्राम के मुकाबले बढ़कर 36.13 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई हैं।
होलसेलर्स के लिए स्टॉक सीमा 3,000 टन
संजीव चोपड़ा ने बताया कि होलसेलर्स के लिए स्टॉक सीमा 3,000 टन होगी, जबकि प्रोसेसर के लिए यह प्रोसेसिंग कैपेसिटी का 70% होगी। बिग चेन रिटेलर्स के लिए यह 10 टन प्रति आउटलेट होगी, जिसकी कुल सीमा 3,000 टन होगी। सिंगल रिटेलर्स के लिए 10 टन होगी।
मीडिया रिपोर्टों के मद्देनजर लगाई गई स्टॉक सीमा
चोपड़ा ने बताया कि स्टॉक सीमा हाल की मीडिया रिपोर्टों के मद्देनजर लगाई गई है।इसमें कहा गया था कि गेहूं सहित आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं। उन्होंने बताया कि स्टॉक लिमिट जमाखोरी को कम करने के लिए लगाई गई है।
1 अप्रैल 2024 को स्टॉक 75 एलएमटी था
चोपड़ा ने यह भी बताया कि 1 अप्रैल 2023 को गेहूं का शुरुआती स्टॉक 82 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) था, जबकि 1 अप्रैल 2024 को यह 75 एलएमटी था। उन्होंने कहा पिछले साल 266 एलएमटी की खरीद की गई थी, जबकि इस साल सरकार ने 262 एलएमटी की खरीद की है और खरीद अभी भी जारी है। इसलिए गेहूं की कमी (शुरुआती स्टॉक में) सिर्फ 3 एलएमटी है।
तुअर और चना दाल पर भी स्टॉक लिमिट लगाई थी
इससे पहले सरकार ने 21 जून को जमाखोरी रोकने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए 30 सितंबर 2024 तक तुअर और चना दाल पर स्टॉक लिमिट लगाई थी। ये लिमिट होलसेलर्स, रिटेलर, बिग चेन रिटेलर्स, मिल मालिकों और आयातकों पर लागू की गई है।
होलसेलर्स के लिए दाल पर स्टॉक सीमा 200 टन, रिटेलर्स के लिए 5 टन और बिग चेन रिटेलर्स के लिए डिपो पर 200 टन तय की गई थी। मिल मालिकों के लिए यह सीमा उत्पादन के अंतिम 3 महीने या वार्षिक स्थापित क्षमता का 25 प्रतिशत, जो भी अधिक हो तय की गई थी।