0 ईडी ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी
नई दिल्ली। शराब नीति केस में जेल में बंद अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी। तब तक केजरीवाल तिहाड़ जेल में ही बंद रहेंगे। केजरीवाल के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत उन्हें अंतरिम जमानत दी गई है।
आगे उन्होंने कोर्ट से कहा कि उन्हें और अधिक समय चाहिए, क्योंकि ईडी ने कल रात 11 बजे याचिका पर नया जवाब दाखिल किया है। इसके बाद कोर्ट ने मामले को 6 अगस्त तक स्थगित कर दिया है।
इससे पहले केजरीवाल ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका पर जवाब दाखिल किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वो ईडी की जासूसी का शिकार हैं। उन्होंने तर्क दिया कि उनकी जमानत रद्द करने की ईडी की याचिका विचार करने के लायक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से पारित पिछले फैसले के बिल्कुल अलग है।
राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत दे दी थी
दरअसल, 20 जून को राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत दे दी थी। 21 जून को ईडी ने हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती दी थी। 25 जून को इस पर सुनवाई हुई। ईडी ने तब हाईकोर्ट से कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने हमारा पक्ष ठीक से नहीं सुना। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा- सही ढंग से बहस नहीं हुई थी, इसलिए राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को रद्द करते हैं। कोर्ट ने कहा कि फैसले को देखकर ऐसा लगता है कि केजरीवाल को जमानत देते समय विवेक का इस्तेमाल नहीं किया। अदालत को ईडी को बहस करने के लिए पर्याप्त अवसर देना चाहिए था। दिल्ली सीएम केजरीवाल पर ईडी के अलावा सीबीआई का केस भी चल रहा है। शराब नीति में भ्रष्टाचार को लेकर सीबीआई ने उन्हें 26 जून को गिरफ्तार किया था। 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को ईडी के केस में अंतरिम जमानत दे दी थी, लेकिन मामला बड़ी बेंच को ट्रांसफर कर दिया था। इस पर सुनवाई की तारीख सामने नहीं आई है।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की टिप्पणियां
0 ट्रायल कोर्ट की टिप्पणी पर विचार नहीं किया जा सकता, पूरी तरह से अनुचित है। यह दर्शाता है कि ट्रायल कोर्ट ने सामग्री पर अपना दिमाग नहीं लगाया है।
0 इस बात पर मजबूत तर्क दिया गया कि जज ने धारा 45 पीएमएलए की दोहरी शर्त पर विचार-विमर्श नहीं किया।
0 ट्रायल कोर्ट को ऐसा कोई निर्णय नहीं देना चाहिए जो हाईकोर्ट के फैसले से उलट हो।
0 ट्रायल कोर्ट ने धारा 70 पीएमएलए के तर्क पर भी विचार नहीं किया है।
0 कोर्ट का यह भी मानना है कि सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के लिए जमानत दी थी। एक बार जब उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट से खारिज कर दी गई है, तो यह नहीं कहा जा सकता है कि कानून का उल्लंघन करके उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया था।