0 पुलिस प्रशासन ने पिछले साल हुए दंगे से सबक लिया
नूंह। नूंह में कल बृजमंडल यात्रा को लेकर रविवार को फ्लैग मार्च निकालती पुलिस और अरावली की पहाड़ियों पर ड्रोन से निगरानी। पिछली बार यहां से पत्थरबाजी और फायरिंग करने का शक जताया गया था।
हरियाणा के नूंह में कल सोमवार को बृजमंडल यात्रा निकाली जाएगी। इस यात्रा में पिछले साल जमकर हिंसा हुई थी। जिसमें 7 लोगों की मौत हुई और 150 से ज्यादा गाड़ियां फूंक दी गई थी। इस बार हिंसा न हो, इसके लिए सरकार और प्रशासन ने पुख्ता बंदोबस्त किए हैं।
यहां आज 21 जुलाई रविवार शाम 6 बजे से कल 22 जुलाई सोमवार शाम 6 बजे तक 24 घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है। एक साथ बहुत सारे यानी बल्क एसएमएस भेजने पर भी रोक लगाई गई है। डोंगल इंटरनेट भी नहीं चलेगा।
सुरक्षा के लिहाज से पुलिस के साथ पैरामिलिट्री फोर्स और कमांडोज तैनात किए गए हैं। ड्रोन के जरिए पूरे नूंह और अरावली की पहाड़ियों की निगरानी की जा रही है। हरियाणा पुलिस लगातार फ्लैग मार्च निकाल रही है। यहां जमीन से आसमान तक सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं।
जिला मजिस्ट्रेट बोले- इंटरनेट का मिसयूज हो सकता है
नूंह में इंटरनेट बंद करने को लेकर जिला मजिस्ट्रेट धीरेंद्र खड़गट ने कहा- इंटरनेट सेवाओं का मिसयूज कर भड़काऊ सामग्री, झूठी अफवाहों का प्रसार किया जा सकता है। इसके परिणामस्वरूप जिले में सार्वजनिक संपत्तियों व सुविधाओं को नुकसान और कानून एवं शांति व्यवस्था भंग हो सकती है। मोबाइल इंटरनेट से वॉट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर आदि विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों से गलत सूचना व अफवाह फैलाई जा सकती हैं। भीड़ को इकट्ठा कर आगजनी, बर्बरता या किसी प्रकार की हिंसा हो सकती है। सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जा सकता है। ऐसा न हो, इसके लिए प्रशासन ने यह कदम उठाया है। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक सुविधा व लोगों की बुनियादी घरेलू जरूरतों को समझते हुए पर्सनल SMS, मोबाइल रिचार्ज, बैंकिंग SMS, वॉयस कॉल, कॉर्पोरेट और घरेलू ब्रॉडबैंड और लीजलाइनों द्वारा मिलने वाली इंटरनेट सेवाओं को छूट दी गई है।
अरावली की पहाड़ियों पर भी नजर, बाहरी गाड़ियों की वीडियोग्राफी
नूंह में पुलिस और पैरामिलिट्री जवानों की तैनाती की गई है। घुड़सवार दस्ते भी ड्यूटी पर मुस्तैद किए गए हैं। अरावली की पहाड़ियों पर भी कमांडोज तैनात किए गए हैं। पुलिस यहां फ्लैग मार्च और सर्च ऑपरेशन चला रही है। नूंह पुलिस नूंह शहर के अलावा नल्हरेश्वर मंदिर, अरावली पर्वत, बड़कली चौक, झिरकेश्वर मंदिर सहित श्रृंगेश्वर मंदिर (सिंगार) व यात्रा समापन स्थलों तक की निगरानी कर रही है। बृजमंडल जलाभिषेक शोभायात्रा नूंह में बाहरी राज्यों व जिलों से शामिल होने के लिए आने वाले लोगों की गाड़ियों की वीडियोग्राफी की जाएगी। पुलिस का कहना है कि उनको पूरी तरह से चैक किया जाएगा ताकि किसी प्रकार की कोई विस्फोटक सामग्री, हथियार आदि यात्रा तक न पहुंच सके।
2 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात
नूंह एसपी विजय प्रताप ने कहा कि यात्रा को सफल बनाने के लिए करीब 2 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इसमें RAF की 3 कंपनियां भी शामिल हैं, जो रेंज से मिली हैं। इसके अलावा पूरे यात्रा मार्ग समेत आसपास के इलाके की ड्रोन से वीडियोग्राफी करवाई गई है। पूरे दलबल के साथ शाम को फ्लैग मार्च भी निकाला गया। एसपी ने बताया कि शहर में कुल 23 जगहों पर नाके लगाए गए हैं। इन सभी नाकों पर सख्ती से चेकिंग और वीडियोग्राफी कराई जाएगी। इस दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी बाहरी व्यक्ति कोई हथियार या लाठी-डंडा लेकर न आए। बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा के चलते नूंह शहर में भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है। SP ने बताया है कि सुबह 7 बजे के बाद जो भी भारी वाहन दिल्ली की ओर से शहर की ओर आएगा, उसे KMP के माध्यम से एक्सप्रेस-वे पर भेजा जाएगा। वहीं, अलवर की तरफ आने वाले भारी वाहन को अंबेडकर चौक और बड़कली चौक से डायवर्ट किया जाएगा।
80 किमी यात्रा, 5 घंटे में पूरी होगी
नूंह में बृजमंडल यात्रा 80 किमी लंबी होगी। जो सुबह 10 बजे नलहरेश्वर मंदिर से शुरू होगी। यहां जलाभिषेक के बाद यात्रा फिरोजपुर झिरका के झिरकेश्वर मंदिर में पहुंचेगी। वहां जलाभिषेक के बाद पुन्हाना के सिंगार श्रृंगेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक के बाद यात्रा संपन्न होगी।
जलाभिषेक यात्रा में शामिल होने वाले 12 संत
नूंह में कल होने जा रही बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा में 12 संत शामिल होंगे। इनमें अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री महामंडलेश्वर महंत विजय दास भैया जी महाराज, स्वामी धर्मदेव महाराज पटौदी, अखिल भारतीय संत समाज के जितेंद्रानंद सरस्वती, दिल्ली से महामंडलेश्वर दाती महाराज, मुरथल से महामंडलेश्वर बाबा दयानंद सरस्वती, परशुराम दास महाराज, महाराज राम तीर्थदास, रूड़की से महामंडलेश्वर यतेंद्रानाथ सरस्वती, रोहतक से स्वामी कृष्णानंद, गुरुग्राम से महामंडलेश्वर सेवादास, छुडानी धाम से स्वामी ब्रह्मस्वरूप और स्वामी वेद बिहारी दास शामिल हैं।