रायपुर। विधानसभा में भाजपा के विधायक धरमलाल कौशिक ने बालको प्लांट की इस लापरवाही का मुद्दा उठाया था। मानसून सत्र में लिखित जवाब में पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने बताया है कि प्लांट पर कार्रवाई हुई है। 14 लाख 29 हजार रुपए से अधिक का फाइन भी वसूला गया है।
बालको प्लांट प्रदूषण फैला रहा था। जब पर्यावरण विभाग ने इसकी जांच की तो इसका खुलासा हुआ। नियमों को ताकपर रखका प्लांट से निकलने वाली राख का कोई ट्रीटमेंट नहीं हो रहा था। आम लोग इससे परेशान थी।
मंत्री की तरफ से लिखित जवाब में बताया गया है कि मेसर्स बालको कोरबा, प्लांट से राख को डिस्पोज करने में गडबड़ी की जानकारी मिली। इसके बाद 3 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया था। इसमें अनूप कुमार बेहरे अधीक्षण अभियंता, मुख्यालय, छ.ग. पर्यावरण संरक्षण मंडल रायपुर, आर. के. शर्मा, अधीक्षण अभियंता, मुख्यालय, छ.ग. पर्यावरण संरक्षण मंडल रायपुर एवं प्रमेन्द्र शेखर पाण्डेय, क्षेत्रीय अधिकारी, क्षेत्रीय कार्यालय, छ.ग. पर्यावरण संरक्षण मंडल कोरबा को जिम्मेदारी दी गई।
ये गड़बड़ी मिली
टीम ने पाया कि राख सायलो एरिया में बड़ी तादाद में ऐश जमा हो चुकी है। लगभग 20-30 टन राखड़ के 2 ढेर पाये गये, जिस पर मिट्टी की परत बिछानी थी मगर नहीं बिछायी गयी थी। राख पर पर्याप्त जल छिड़काव की व्यवस्था नहीं पायी गयी। 2 गाड़ियों में ठीक तरीके से तारपोलिन बांधे बिना ट्रांसपोटेशन किया जा रहा था। कोरबा के बरबसपुर गांव में राख पर पानी का छिड़काव नहीं किया गया था। इन्हीं वजहों से राख उड़ती हुई पायी गई।
इस नियम के तहत कार्रवाई
विभाग के नियम ताप विद्युत संयंत्र को वायु (प्रदुषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा 31 'क' के तहत प्लांट को नोटिस जारी किया गया। 14 लाख 29500 रूपये का फाइन लगाया गया।