नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निवेश आकर्षित करने के लिए नीति आयोग को 'निवेश-अनुकूल चार्टर' तैयार करने का निर्देश देते हुए शनिवार को कहा कि विकसित भारत का सपना विकसित राज्यों के माध्यम से साकार किया जा सकता है।
श्री मोदी ने आज यहां नीति आयोग की नौवीं संचालन परिषद की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक राज्य और जिले को वर्ष 2047 के लिए एक दृष्टिकोण पत्र बनाना चाहिए ताकि विकसित भारत को साकार किया जा सके। उन्होंने युवाओं को रोजगार के लिए तैयार में उनके कौशल और प्रशिक्षण पर जोर दिया और कहा कि विकासशील भारत के लिए प्राथमिकता के रूप में शून्य गरीबी का लक्ष्य रखना चाहिए।
बैठक में प्रधानमंत्री ने नीति आयोग को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सुझावों का अध्ययन करने का निर्देश भी दिया। श्री मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 20 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और छह केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपालों ने भाग लिया।
श्री मोदी ने कहा कि भारत ने पिछले 10 वर्षों में स्थिर विकास हासिल किया है। भारतीय अर्थव्यवस्था वर्ष 2024 तक के अंत तक पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। अब सरकार और सभी नागरिकों का सामूहिक लक्ष्य दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है। उन्होंने कहा,“ पिछले 10 वर्षों में हमारे देश ने सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करके बहुत प्रगति की है। पहले मुख्य रूप से आयात-आधारित देश होने के बाद, भारत अब दुनिया को कई उत्पाद निर्यात करता है। देश ने रक्षा, अंतरिक्ष, स्टार्ट-अप और खेल जैसे व्यापक क्षेत्रों में विश्व मंच पर अपनी पहचान बनाई है।”
उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन का दशक है जो विभिन्न क्षेत्रों में बहुत सारे अवसर लेकर आया है। उन्होंने राज्यों को इन अवसरों का लाभ उठाने और नीति निर्माण तथा क्रियान्वयन में नवीन दृष्टिकोण के माध्यम से विकास के लिए अनुकूल नीतियां बनाने तथा शासन कार्यक्रम शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रधानमंत्री ने बैठक में भाग लेने तथा अपने विचार और अनुभव साझा करने के लिए सभी मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों के प्रति आभार व्यक्त किया और विश्वास व्यक्त किया कि भारत सहकारी संघवाद की शक्ति के माध्यम से विकसित भारत वर्ष 2047 के सपने को पूरा करने की राह पर आगे बढ़ रहा है।