0 बिलासपुर में कांग्रेस नेता व धमतरी में पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी से पूछताछ
रायपुर/दुर्ग/धमतरी/बिलासपुर। सीबीआई की टीम ने बुधवार को छत्तीसगढ़ पीएससी भर्ती में अनियमितता मामले में रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर व धमतरी में कई जगह दबिश दी। ये छापे 15 से अधिक ठिकानों में मारे गए। इनमें छग पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी, पूर्व राज्यपाल के सचिव अमृत खलको, बिलासपुर निवासी कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला व श्रम पदाधिकारी सुनीता जोशी शामिल हैं।
सीबीआई की टीम ने बुधवार सुबह से सीजी पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी के रायपुर स्थित स्वर्णभूमि स्थित मकान, धमतरी जिले के सरबदा गांव के पुश्तैनी घर, अमृत खलको के भिलाई तालपुरी स्थित मकान व रिसाली स्थित घर में दबिश दी। इसी तरह पीएससी के पूर्व सचिव कांकेर डीआईजी जेके ध्रुव के मैत्रीनगर भिलाई, एल. कौशिक के भिलाई सेक्टर-2 स्थित मकान, राजेंद्र शुक्ला के बिलासपुर के यदुनंदन नगर व तिफरा नए बस स्टैंड के पास स्थित मकान और महासमुंद के ग्राम हरदी में टामन सोनवानी की भांजी सुनिता जोशी के घर की भी जांच की गई। 2023 में सुनीता जोशी का श्रम पदाधिकारी के पद पर चयन हुआ था। इसके पहले वे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर थीं। सीबीआई की टीम टामन सोनवानी के घर जांच के लिए दूसरी बार पहुंची है। बताया जाता है कि दबिश के दौरान खलको घर पर ही मिले।
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई की टीम पीसीसी के पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी से करीब चार घंटे पूछताछ की। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बुधवार सुबह बिरेझर चौकी अंतर्गत ग्राम सरबदा मेें इनोवा सीजी07 डीएल 0011 एवं सीजी04 केयू 6644 में 10-12 जांच अधिकारियों की टीम ने टामन सिंह सोनवानी के मकान पर दबिश दी। करीब 4-5 घंटे तक जांच चली और पूछताछ के बाद आईटी अधिकारी बाहर निकले और अपने वाहन से वापस लौट गए।
दरअसल, छग पीएससी में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। इसमें नेताओं और अधिकारियों के रिश्तेदारों की भर्ती नियमों को दरकिनार करके की गई है। राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी है।
धमतरी : टामन सोनवानी के घर पर भी छापा
धमतरी में सीजी पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी के घर भी सुबह 6 बजे टीम पहुंची थी। इस दौरान 3 गाड़ियों में करीब 13 लोग थे। सोनवानी के पुत्र, पुत्र वधु और भतीजी का सीजी पीएससी में चयन हुआ था। कुरूद थाना क्षेत्र के सरबदा गांव में छापेमारी की है। बताया जा रहा है कि टीम पूछताछ कर वापस निकल गई है।
बिलासपुर : कांग्रेस नेता के बेटे का नाम
बिलासपुर में कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के घर सीबीआई ने दबिश दी है। बताया जाता है कि सीबीआई की 5-10 सदस्यीय टीम यदुनंदन नगर स्थित उनके पुराने आवास पर पहुंची। राजेंद्र शुक्ला के बेटे स्वर्णिम शुक्ला का नाम भी इस घोटाले में उछल चुका है।स्वर्णिम शुक्ला वर्तमान में डिप्टी कलेक्टर में चयन हुआ था। इसके बाद आदिम जाति कल्याण विभाग में डिप्टी डायरेक्टर का पद मिला है। मामले की जांच के दौरान सीबीआई ने स्वर्णिम के नाम को लेकर भी सवाल उठाए हैं। बताया जा रहा है कि पीएससी फर्जीवाड़ा से संबंधित एफआईआर की जांच की जा रही है। इसी को लेकर सीबीआई की टीम हाईटेक बस स्टैंड के पास स्थित नए मकान में भी पहुंची है। जहां राजेंद्र शुक्ला के घर में पीएससी घोटाले के मामले में सवाल-जवाब कर रही है।
दुर्ग : पूर्व गवर्नर के सेक्रेटरी के घर छापा
दुर्ग जिले में पूर्व गवर्नर के सेक्रेटरी अमृत खालको के घर छापा मारा गया है। तलपुरी ए ब्लॉक सहित कृष्ण टॉकीज रोड में स्थित एक अपार्टमेंट में भी अमृत खालको का मकान है। अमृत खालको की बेटी नेहा और बेटे निखिल दोनों का एक साथ सीजी पीएससी में चयन हुआ था। नेहा 13वीं और निखिल 17वीं रैंक हासिल की थी। फिलहाल परिवार भिलाई थाना क्षेत्र में तालपुरी के ए ब्लॉक में खालको परिवार रहता है। टीम अमृत खालको और परिवार से पूछताछ कर रही है।
अर्जुंदा थाने में दर्ज है एफआईआर
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की भर्ती में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में बालोद जिले के अर्जुंदा थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। जिसमें तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, सचिव, परीक्षा नियंत्रक समेत अधिकारियों और नेताओं का नाम शामिल है। पुलिस 2019 के बाद जितनी भी भर्ती परीक्षाएं हुईं हैं, उन सभी की जांच करेगी। दावा किया जा रहा है कि जल्द ही पूर्व चेयरमैन सोनवानी सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। इससे पहले इस मामले में ईओडब्ल्यू केस दर्ज कर चुकी है। साथ ही सरकार ने सीबीआई की जांच की अनुशंसा की है।
इंटरव्यू पैनल के डॉक्यूमेंट की फोरेंसिक जांच
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की भर्ती में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में सीबीआई ने अपनी जांच शुरू कर दी है। आयोग से सीबीआई ने कुछ दस्तावेज लेकर उन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है। अफसरों के मुताबिक, इसकी रिपोर्ट आने के बाद बयान लिए जाएंगे और आगे कार्रवाई होगी। दरअसल, सीबीआई अफसर पिछले दिनों सीजी पीएससी के दफ्तर पहुंचे थे। वहां से उन्होंने 2020 और 2021 के डिप्टी कलेक्टर-डीएसपी की भर्ती परीक्षा में चयनित विवादित उम्मीदवारों के दस्तावेज और अभ्यर्थियों का इंटरव्यू लेने वाले पैनल सदस्यों की रिपोर्ट ली है।
नेता-अफसर के बेटे-बेटी बने डिप्टी कलेक्टर
छत्तीसगढ़ के कवर्धा के रहने वाले अखिलेश वर्मा की उम्र 28 साल हो चुकी है। माता-पिता किसान हैं, मुश्किल से पढ़ाई का खर्च चलता है। सीजीपीएससी 2022 की प्रीलिम्स परीक्षा पास की थी, पेपर अच्छा गया था, लेकिन मेन्स में फेल हो गए। बाद में पता चला कि गड़बड़ी हुई है। सिलेक्ट हुए कैंडिडेट में 18 ऐसे नाम सामने आए, जो किसी नेता, मंत्री और अधिकारी के करीबी थे। मामला फिलहाल कोर्ट में है और भर्ती रुक गई है।