0 सीबीआई ने घटनास्थल की 3डी मैपिंग की
कोलकाता। कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने रविवार (18 अगस्त) को खुद नोटिस लिया। 20 अगस्त को सुबह 10.30 बजे चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच मामले की सुनवाई करेगी। बेंच में सीजेआई के अलावा जस्टिस जेबी पादरीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा रहेंगे।
सीबीआई टीम ने आज राधागोविंद कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड की 3डी लेजर मैपिंग की है। वहीं, कोलकाता की घटना के विरोध में देशभर में डॉक्टरों के प्रोटेस्ट का आज 9वां दिन है। मामले की जांच कर रही सीबीआई ने बताया कि आरोपी संजय का साइकोलॉजिकल टेस्ट किया गया।
सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (सीएफएसएल) से मनोवैज्ञानिक और व्यवहार विश्लेषकों की 5 मेंबर्स की टीम यह टेस्ट कर रही है। इससे पता चल सकता है कि जघन्य अपराध को लेकर आरोपी संजय की क्या मानसिकता थी।
दरअसल, 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर का रेप के बाद हत्या की गई थी। 14 अगस्त की देर रात इसी अस्पताल में हिंसा हुई, जिसके बाद डॉक्टरों ने प्रदर्शन तेज किया।
केंद्र का आदेश- हर 2 घंटे में सभी राज्य कानून व्यवस्था की रिपोर्ट देंगे
17 अगस्त की देर रात केंद्र सरकार ने नया आदेश जारी करते हुए कहा- अब सभी राज्यों को हर दो घंटों में कानून-व्यवस्था की जानकारी गृह मंत्रालय कंट्रोल रूम को फैक्स, ई-मेल या वॉट्सऐप के जरिए देंगे।
मेडिकल कॉलेज के पास धारा 163 लागू
कोलकाता पुलिस ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पास आज (18 अगस्त) से भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 (पहले सीआरपीसी की धारा 144) लागू कर दी है। इस आदेश में कहा गया है कि अगले 7 दिनों (24 अगस्त) तक धरना-प्रदर्शन पर रोक रहेगी। 5 से ज्यादा लोगों के जुटने, हथियार लेकर जाने या तनाव पैदा करने वाली किसी भी गतिविधियों की अनुमति नहीं होगी।
निर्भया की मां बोलीं- 2012 से अब तक कुछ नहीं बदला
निर्भया की मां ने शनिवार को कहा- 2012 से अबतक कुछ नहीं बदला है। ममता अपने पद का दुरुपयोग कर रही हैं। वे इस घटना के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय मुद्दे से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहीं हैं। ममता को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। जब तक केंद्र और राज्य सरकारें हैवानियत करने वालों को अदालत से तत्काल सजा दिलाने को लेकर गंभीर नहीं होंगी, तब तक आए दिन देश के इस तरह की घटनाएं सामने आती रहेंगी।
केंद्र ने डॉक्टरों के लिए कमेटी बनाने का आश्वासन दिया
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 17 अगस्त को बयान जारी कर कहा- डॉक्टरों की मांग को लेकर कमेटी बनाई जाएगी। सुरक्षा के लिए राज्य सरकारों से भी सुझाव मांगे जाएंगे। केंद्र के फैसले के बाद आईएमए ने भी बयान जारी किया। इसमें कहा गया, आईएमए सभी पहलुओं पर सावधानीपूर्वक विचार करने और अपनी सभी स्टेट ब्रांच से सलाह लेने के बाद जवाब देगा। हम हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से जारी स्टेटमेंट की स्टडी कर रहे हैं।
आईएमए चीफ बोले- हमने ऐसा कुछ नहीं मांगा जो सरकार नहीं दे सकती
आईएमए चीफ डॉ. अशोकन ने शनिवार को कहा- इमरजेंसी सेवाएं छोड़कर अस्पतालों में कामकाज बंद है। हमारी मांग है कि डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। हमने ऐसा कुछ नहीं मांगा जो सरकार नहीं कर सकती है। हम जीवन के अधिकार की मांग कर रहे हैं। यह मौलिक अधिकार है। हम प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे। मामले में उन्हें हस्तक्षेप करना चाहिए। पीएम ने 15 अगस्त की स्पीच में महिलाओं की सुरक्षा की बात कही थी।
डॉक्टरों की हड़ताल का असर
डॉक्टरों की हड़ताल से देशभर के अस्पतालों में सेवाएं प्रभावित हुईं। दिल्ली के बड़े प्राइवेट अस्पतालों में ओपीडी, इमरजेंसी को छोड़कर दूसरी सर्जरी और आईपीडी सेवाएं बंद रहने से सैकड़ों मरीज परेशान हुए।
दिल्ली में रोजाना करीब एक लाख से अधिक मरीजों को उपचार के बिना अस्पतालों से लौटना पड़ रहा है। हर रोज लगभग 250 से 300 सर्जरी भी नहीं हो पा रही हैं।
पिछले 6 दिन में करीब 6 लाख से अधिक मरीज इलाज नहीं करा सके, जबकि करीब 2500 से ज्यादा सर्जरी नहीं हो सकीं।
बंगाल सरकार जरूरी घोषणाएं कर सकती हैं
अस्पतालों में रात के समय काम करने वाली महिला कर्मचारियों के लिए ‘रात्रिर साथी’ प्रोजेक्ट की शुरुआत कर सकती है। इसका मतलब है कि महिला कर्मचारियों के साथ उनका कोई साथी रहेगा। वे अकेली ड्यूटी पर नहीं रहेंगी। महिला डॉक्टरों और नर्सों को 12 घंटे से अधिक काम करने की अनुमति नहीं होगी। उनकी नाइट ड्यूटी भी कम की जाएगी। महिला सुरक्षा के लिए आपातकालीन हेल्पलाइन (100/112) शुरू होगी। मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सुरक्षा जांच जरूरी होगी।