0 2005 का सुझाव हमने लागू किया
0 राहुल ने कहा था-आरएसएस वालों की भर्ती हुई
नई दिल्ली। यूपीएससी में लेटरल एंट्री को लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाए थे कि यूपीएससी के प्रमुख पदों पर आरएसएस से जुड़े लोगों की भर्ती की गई है। इसका जवाब देते हुए सोमवार सुबह केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- लैटरल एंट्री मामले पर कांग्रेस का पाखंड देश के सामने है।
वैष्णव ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि यह यूपीए सरकार ही थी, जिसने लेटरल एंट्री का कॉन्सेप्ट लाया। दूसरा प्रशासनिक सुधार आयोग (एआरसी) 2005 में यूपीए सरकार में ही लाया गया था। इस आयोग की अध्यक्षता वीरप्पा मोइली ने की थी।
यूपीए सरकार के कार्यकाल की एआरसी ने सुझाव दिया था कि जिन पदों पर स्पेशल नॉलेज की जरूरत है, वहां विशेषज्ञों की नियुक्ति होनी चाहिए। एनडीए सरकार ने एआरसी की इस सिफारिश को लागू करने के लिए ट्रांसपेरेंट तरीका अपनाया है।
इसके बाद राहुल गांधी ने सोमवार को फिर से मामले को लेकर केंद्र सरकार पर भर्ती को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने एक्स पर लिखा- लैटरल एंट्री दलित, ओबीसी और आदिवासियों पर हमला है। भाजपा का राम राज्य का यह विध्वंस कारी वर्जन संविधान को नष्ट करना और बहुजनों से आरक्षण छीनना चाहता है।
यूपीएससी ने 17 अगस्त को लेटरल एंट्री के जरिए ???????? जॉइंट सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर लेवल की नौकरियां निकाली। ये अब तक की सबसे बड़ी लेटरल भर्ती है। लेटरल भर्ती में कैंडिडेट्स बिना यूपीएससी की परीक्षा दिए रिक्रूट किए जाते हैं। इसमें आरक्षण के नियमों का भी फायदा नहीं मिलता है।