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0 छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में कहा था-बच्चे छोटे हैं
0 16 महीने से जेल में है निलंबित अफसर
बिलासपुर। कोल स्कैम केस में सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। सौम्या ने इस बार सुप्रीम कोर्ट से निलंबित आईएएस रानू साहू और सुनील अग्रवाल की जमानत को आधार बनाया था। सौम्या करीब 16 महीने से जेल में बंद हैं।

ये तीसरी बार है, जब हाईकोर्ट से सौम्या की जमानत खारिज की गई है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। इससे पहले कोल स्कैम और मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुप्रीम कोर्ट भी याचिका खारिज कर चुका है। कोर्ट ने गलत तथ्य पेश करने पर उन पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था।

कोर्ट में कहा- बच्चे छोटे हैं, जमानत दे दीजिए
कोल लेवी मामले में आरोपी सौम्या चौरसिया ओर से सुप्रीम कोर्ट के आदेश को आधार बनाया गया। साथ ही आग्रह किया गया कि, आवेदिका के बच्चे छोटे हैं। करीब डेढ़ साल से वह जेल में है। मामले की सुनवाई में लंबा समय लगना है। ऐसे में उन्हें जमानत दे दी जाए।

कांग्रेस सरकार में ताकतवर और प्रभावशाली अफसर रहीं

पिछली कांग्रेस सरकार में ताकतवर और प्रभावशाली अफसर रहीं सौम्या चौरसिया पूर्व सीएम भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी भी रह चुकी हैं। उन्हें कोयला घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने 2 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वे सेंट्रल जेल रायपुर में बंद हैं।

सौम्या चौरसिया पर क्या है आरोप ?
ईडी ने छत्तीसगढ़ में कथित कोयला घोटाले में 500 करोड़ रुपए की अवैध उगाही को लेकर जांच शुरू की थी। जिसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया था। वसूली के लिए नियमों में बदलाव किया गया था। इस लेवी से हासिल राशि से चल-अचल संपत्तियां अर्जित की गईं, जिनमें कई बेनामी भी हैं। ईडी ने इस मामले में सूर्यकांत तिवारी, कोल वॉशरी संचालक सुनील अग्रवाल, आईएएस समीर बिश्नोई, आईएएस रानू साहू, सौम्या चौरसिया समेत अन्य को अलग-अलग तारीखों पर गिरफ्तार किया था। आईएएस का आरोप है कि ये स्कैम करीब 500 करोड़ रुपए का था।

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