0 परिवार ने अस्पताल को देहदान किया
0 निमोनिया की वजह से दिल्ली एम्स में भर्ती थे
नई दिल्ली। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का 72 साल की उम्र में निधन हो गया। निमोनिया की शिकायत होने के बाद उन्हें 19 अगस्त को एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया था। 25 दिन से उनका इलाज चल रहा था। परिवार ने अस्पताल को सीपीएम नेता की बॉडी डोनेट की है। वे तीन बार पार्टी के महासचिव रहे थे।
वहीं, माकपा की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि ‘कॉमरेड सीताराम येचुरी को सांस की नली में गंभीर संक्रमण हुआ था। डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही थी।
श्री येचुरी 2015 पार्टी के महासचिव चुने गये थे। वह राज्यसभा के सदस्य रह चुके थे। उन्हें 2016 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का सम्मान दिया गया था।
देशभर के नेताओं ने येचुरी को श्रद्धांजलि दी
माकपा महासचिव स्व. येचुरी के निधन पर देशभर के नेताओं ने उऩ्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सीताराम येचुरी मेरे अच्छे दोस्त थे। वे भारत के विचार के सच्चे रक्षक थे और देश को अच्छी तरह समझते थे। मैं उनके साथ की गई लंबी चर्चाओं को बहुत याद करूंगा। इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।
प. बंगाल के सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि येचुरी के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। वे एक अनुभवी सांसद थे और उनका जाना राष्ट्रीय राजनीति के लिए बड़ी क्षति है।
आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि येचुरी जी के निधन पर गहरा दुख हुआ। वह भारतीय राजनीति के एक दिग्गज नेता थे। वह मुद्दों की बारीक समझ रखने वाले और जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ाव के लिए जाने जाते थे। उनकी आत्मा को शांति मिले।
12वीं परीक्षा में देश भर में पहली रैंक हासिल की
सीताराम येचुरी ने 10वीं कक्षा तक ऑल सेंट्स हाई स्कूल में पढ़ाई की। वे 1969 के तेलंगाना आंदोलन के दौरान दिल्ली पहुंचे। येचुरी ने दिल्ली में प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल में एडमिशन लिया और सीबीएसई हायर सेकेंडरी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक-1 हासिल की। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में फर्स्ट रैंक से बीए (ऑनर्स) किया। फिर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) से इकोनॉमिक्स में एमए किया। उन्होंने पीएचडी के लिए जेएनयू में एडमिशन लिया था। हालांकि, 1975 में इमरजेंसी के दौरान गिरफ्तारी के कारण पूरा नहीं कर सके।