विलमिंगटन (फिलाडेल्फिया)। भारत ने मौजूदा कालखंड के तनावों और संघर्षों से घिरे विश्व के लिए साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर आस्ट्रेलिया, भारत , जापान एवं अमेरिका के चतुष्कोणीय गठजोड़ क्वाड का मिलकर साथ चलना मानवता के लिए बहुत महत्वपूर्ण बताया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ आर बाइडेन की मेजबानी में जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज़ के साथ छठवीं क्वाड शिखर बैठक में भाग लिया।
श्री मोदी ने अपने वक्तव्य में क्वाड की 20वीं वर्षगांठ के अवसर पर श्री बाइडेन को बधाई दी और कहा कि उनके नेतृत्व में 2021 में क्वाड के पहली शिखर बैठक का आयोजन किया गया, और इतने कम समय में हमने अपने सहयोग को हर दिशा में अभूतपूर्व तरीके से बढ़ाया है। इसमें व्यक्तिगत रूप से राष्ट्रपति बिडेन की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमारी बैठक ऐसे समय हो रही है जब विश्व तनावों और संघर्षों से घिरा हुआ है। ऐसे में साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर, क्वाड का मिलकर साथ चलना, पूरी मानवता के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।'
श्री मोदी ने कहा, 'हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी एक नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान, और सभी मसलों के शांतिपूर्ण ढंग से हल निकालने का समर्थन करते हैं। स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिन्द प्रशांत क्षेत्र हमारी साझा प्राथमिकता और साझा प्रतिबद्धता है।
उन्होंने कहा कि हमने मिलकर स्वास्थ्य सुरक्षा, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, जलवायु परिवर्तन और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में कई सकारात्मक और समावेशी पहले आरंभ की हैं। हमारा संदेश साफ है:- 'क्वाड का अस्तित्व सहायता करने के लिए, साझीदारी करने के लिए और पूरक बनने के लिए हमेशा रहेगा।'
श्री मोदी 2025 में क्वाड नेताओं की शिखर बैठक भारत में किये जाने का उल्लेख करते हुए नेताओं को आमंत्रित किया।
सूत्रों ने कहा कि बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार को लेकर भी चर्चा हुई तथा चारों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अधिक प्रतिनिधि, समावेशी, पारदर्शी, कुशल, प्रभावी, लोकतांत्रिक और जिम्मेदार बनाने के लिए सुधार करने पर सहमति व्यक्त की।
इसी तरह से ऊर्जा दक्षता के बारे में विचार करते हुए नेताओं ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता में सुधार और सस्ती प्रशीतन प्रणाली की तैनाती के लिए सामूहिक प्रयास किये जाने पर बल दिया।
क्वाड के भारत के योगदान की चर्चा करते हुए सूत्रों ने कहा कि भारत ने क्वाड डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के सिद्धांत पर समान पहुंच और सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार, कैंसर देखभाल और डिजिटल स्वास्थ्य के लिए एक करोड़ डॉलर की तकनीकी सहायता, हिन्द प्रशांत क्षेत्र के देशों के 75 लाख डॉलर मूल्य के एचपीवी वैक्सीन, मॉरीशस के आसपास खराब मौसम की घटनाओं एवं जलवायु प्रभावों की निगरानी के लिए अंतरिक्ष-आधारित वेब पोर्टल, फिजी, कोमोरोस, मेडागास्कर और सेशेल्स में 20 लाख डॉलर के निवेश वाली सौर परियोजनाएं, समुद्री सुरक्षा पहल के अंतर्गत प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए एमएआईटआरआई की शुरुआत, हिन्द प्रशांत क्षेत्र के छात्रों के लिए नई श्रेणी की छात्रवृत्ति, स्थायी बंदरगाह ढांचे के विकास के लिए पहली क्वाड पोर्ट्स कॉन्फ़्रेंस की मेजबानी जैसी पहलों के माध्यम से अहम योगदान दिया है।
सूत्रों के अनुसार क्वाड शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण पहलों की घोषणा की गई हैं।
ये मुख्य पहलें इस प्रकार हैं :-
0 क्वाड कैंसर मूनशॉट: हिन्द प्रशांत क्षेत्र में जीवन बचाने के लिए एक नए जमाने की साझीदारी।
0 क्वाड-एट-सी शिप ऑब्जर्वर मिशन: 2025 में पहली बार तटरक्षक बलों के बीच समुद्री सुरक्षा और अंतरोपयोगिता में सुधार के लिए।
- क्वाड हिन्द प्रशांत लॉजिस्टिक्स नेटवर्क: आपदा में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए साझा एयरलिफ्ट क्षमता के लिए एक पायलट परियोजना।
0 क्वाड भविष्य के लिए बंदरगाहों की साझीदारी: स्थायी और मजबूत बंदरगाह ढांचे के विकास के लिए विशेषज्ञता साझा करना।
0 सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला आकस्मिकता नेटवर्क: सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में मजबूती बढ़ाने के लिए।