0 पहले 6.8% बताया था
0 एजेंसी ने कहा- 2025 में भारत की जीडीपी 6.5% की दर से बढ़ेगी
नई दिल्ली। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कैलेंडर ईयर 2024 के लिए भारत की ग्रॉस डोमेस्टिक यानी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर अब 7.1% कर दिया है। इससे पहले मूडीज ने भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.1% से बढ़ाकर 6.8% बताया था।
वहीं मूडीज ने 2025 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.5% पर ही बरकरार रखा है। इसके अलावा एजेंसी ने 2026 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.6% बताया है। जून में मूडीज ने कहा था कि भारत की इकोनॉमी 2026 में धीमी होकर 6.2% हो जाएगी। फर्म ने इन्फ्लेशन के बेहतर रिजल्ट की भी भविष्यवाणी की है। इतना ही नहीं एजेंसी ने भारत के इन्फ्लेशन का अनुमान भी 5% से घटाकर 4.7% कर दिया है।
2025 में भारत के इन्फ्लेशन का अनुमान 4.5% बताया
भारत की मुद्रास्फीति यानी इन्फ्लेशन जुलाई और अगस्त में 4% से नीचे रही है। एजेंसी ने 2025 और 2026 में भारत के इन्फ्लेशन का अनुमान 4.5% और 4.1% बताया है। आरबीआई को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 में मुद्रास्फीति घटकर 4.5% हो जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपकमिंग मीटिंग में केंद्रीय बैंक द्वारा दरों में कोई बदलाव किए जाने की संभावना नहीं है। वहीं 25 बेसिस पॉइंट्स की पहली कटौती दिसंबर में होने की संभावना है। वहीं अमेरिका के फेडरल रिजर्व बैंक ने हाल ही में मंदी की आशंकाओं को दूर करने के लिए पॉलिसी रेट में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की थी।
जीडीपी क्या है?
जीडीपी इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। जीडीपी देश के भीतर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को रिप्रजेंट करती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं उन्हें भी शामिल किया जाता है।
दो तरह की होती है जीडीपी
जीडीपी दो तरह की होती है। रियल जीडीपी और नॉमिनल जीडीपी। रियल जीडीपी में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। फिलहाल जीडीपी को कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है। वहीं नॉमिनल जीडीपी का कैलकुलेशन करंट प्राइस पर किया जाता है।
कैसे कैलकुलेट की जाती है जीडीपी?
जीडीपी को कैलकुलेट करने के लिए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। जीडीपी=सी+जी+आई+एनएक्स, यहां सी का मतलब है प्राइवेट कंजम्प्शन, जी का मतलब गवर्नमेंट स्पेंडिंग, आई का मतलब इन्वेस्टमेंट और एनएक्स का मतलब नेट एक्सपोर्ट है।
जीवीए क्या है?
साधारण शब्दों में कहा जाए तो जीवीए से किसी अर्थव्यवस्था में होने वाले कुल आउटपुट और इनकम का पता चलता है। यह बताता है कि एक तय अवधि में इनपुट कॉस्ट और कच्चे माल का दाम निकालने के बाद कितने रुपए की वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन हुआ। इससे यह भी पता चलता है कि किस खास क्षेत्र, उद्योग या सेक्टर में कितना उत्पादन हुआ है। नेशनल अकाउंटिंग के नजरिए से देखें तो मैक्रो लेवल पर जीडीपी में सब्सिडी और टैक्स निकालने के बाद जो आंकड़ा मिलता है, वह जीवीए होता है। अगर आप प्रोडक्शन के मोर्चे पर देखेंगे तो इसको नेशनल अकाउंट्स को बैलेंस करने वाला आइटम पाएंगे।