0 ईएमआई भी नहीं बढ़ेगी, आरबीआई ने रेपो रेट 6.5% पर बरकरार रखी
मुंबई/नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लगातार 10वीं बार ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है। आरबीआई ने ब्याज दरों को 6.5% पर जस का तस रखा है। यानी लोन महंगे नहीं होंगे और आपकी ईएमआई भी नहीं बढ़ेगी। आरबीआई ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थीं।
7 अक्टूबर से चल रही मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज, यानी बुधवार को दी। ये मीटिंग हर दो महीने में होती है। RBI ने इससे पहले अगस्त में हुई बैठक में ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया था।
2020 से रिजर्व बैंक ने 5 बार में 1.10% ब्याज दरें बढ़ाईं
आरबीआई ने कोरोना के दौरान (27 मार्च 2020 से 9 अक्टूबर 2020) दो बार ब्याज दरों में 0.40% की कटौती की। इसके बाद अगली 10 मीटिंग्स में सेंट्रल बैंक ने 5 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की, चार बार कोई बदलाव नहीं किया और एक बार अगस्त 2022 में 0.50% की कटौती की। कोविड से पहले 6 फरवरी 2020 को रेपो रेट 5.15% पर था।
महंगाई को 4% पर लाने का लक्ष्य
महंगाई को लेकर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि खुदरा महंगाई के लक्ष्य 4% पर बने हुए हैं। हालांकि, सितंबर महीने में महंगाई के आंकड़े बढ़े हुए लग सकते हैं। मौजूदा मैक्रो-इकोनॉमिक मापदंड संतुलित हैं। जीडीपी ग्रोथ को लेकर उन्होंने कहा कि कारोबारी साल 2025 के दौरान यह 7.2% रह सकती है।
यूपीआई लाइट की ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ाई
आरबीआई ने यूपीआई लाइट की पर ट्रांजैक्शन लिमिट को 500 रुपए से बढ़ाकर 1,000 रुपए कर दिया है। वहीं, यूपीआई लाइट वॉलेट की सीमा 2,000 रुपए से बढ़ा कर 5,000 रुपए कर दी गई है। यानी अब वॉलेट में लोग 3,000 रुपए ज्यादा रख सकेंगे। इस सुविधा के जरिए यूपीआई पेमेंट में पिन की जरूरत नहीं पड़ती और आसानी से पेमेंट हो जाता है। वहीं, यूपीआई 123पे की लिमिट को बढ़ाकर 10,000 रुपए कर दिया गया है। ये सर्विस नॉन-स्मार्टफाेन यूजर्स के लिए होती है।
भारत में मार्च 2025 तक 0.50% की कटौती हो सकती है
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट डॉ. वी के विजयकुमार ने कहा कि भारत में मार्च 2025 तक 0.50% की कटौती हो सकती है। आरबीआई ने 8 फरवरी 2023 के बाद से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। अभी रेपो रेट 6.50% है। वॉलफोर्ट फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के फाउंडर विजय भराड़िया ने कहा की कि दर में कटौती एक साहसिक कदम है जो भारतीय रिजर्व बैंक सहित अन्य वैश्विक केंद्रीय बैंकों को सॉफ्टर मॉनेटरी स्टांस अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।